विजयवाड़ा, बृहस्पतिवार, 1 अगस्त 2103 (एशिया न्यूज़): विजयवाड़ा के लोयोला विश्वविद्यालय
में 28 जुलाई को, आंध्रप्रदेश धर्मप्रांत के 75 पुरोहितों एवं कई धर्मबहनों ने मिलकर
संत पापा फ्राँसिस के प्रथम प्रेरितिक पत्र ‘लूमेन फिदेई’ पर आयोजित एक दिवसीय अध्ययन
एवं विश्लेषण में भाग लिया। आंध्रप्रदेश भारतीय धर्मसंघी सम्मेलन (सी आर आई) के अध्यक्ष
कार्मेल धर्मसमाज के सदस्य फादर गोरांट्ला जोहन्नेस ने प्रार्थना सभा के दौरान ‘लूमेन
फिदेई’ पर प्रकाश डालते हुए कहा, "नये सुसमाचार घोषणा मिशन के लिए यह एक प्रमुख साधन
है।" उन्होंने अध्ययन का संचालन करते हुए प्रेरितिक पत्र पर टिप्पणी की एवं कहा,
"यह पहली निगाह में पढ़ने एवं समझने के लिए कठिन प्रतीत होता है किन्तु पवित्र प्रज्ञा
एवं ज्ञान से पूर्ण है। यह हमारे पिता के विश्वास को प्राप्त करने में सहायक है जो बीती
याद एवं ईश्वर से मुलाकात के अनुभव पर आधारित है। विश्वास पुरानी यादों को उजागर करता,
जीवन में नया दृष्टिकोण प्रदान करता एवं मिशन हेतु नवीन उत्साह से भर देता है।" उन्होंने
कहा कि पुरोहितों, धर्मबहनों एवं धर्मसमाजियों को एक आम दृष्टिकोण रखना चाहिए कि वे वैश्विक
कलीसिया के अंग हैं तथा यह विचार करना आवश्यक है कि स्थानीय कलीसिया को वे किस प्रकार
अपना सहयोग दे सकते हैं। 5 जुलाई को प्रकाशित यह प्रेरितिक पत्र, तीन महान ख्रीस्तीय
सदगुणों पर आधारित है तथा चार हाथों से लिखा गया है। इसलिए ससम्मान सेवानिवृत संत पापा
बेनेडिक्ट 16वें ने विश्वास वर्ष पर इसकी शुरुआत थी।