रियो दे जानेरोः सन्त पापा ने धर्माध्यक्षों से कलीसिया के पलायन का पूछा कारण
रियो दे जानेरो, 28 जुलाई सन् 2013 (सेदोक): रियो दे जानेरो स्थित महाधर्माध्यक्षीय निवास
में सन्त पापा फ्राँसिस ने, शनिवार को ब्राज़ील के कार्डिनलों एवं धर्माध्यक्षों से मुलाकात
की। विश्व के सर्वाधिक विशाल रोमन काथलिक राष्ट्र ब्राज़ील में भी विगत वर्षों में
नये प्रॉटेस्टेण्ट धर्मपन्थों के उदय के कारण कलीसिया से कई लोगों ने पलायन कर लिया है।
12 करोड़ काथलिक धर्मानुयायियों वाले देश ब्राज़ील में उत्पन्न इस संकटपूर्ण स्थिति के
लिये सन्त पापा ने धर्माधिकारियों को ज़िम्मेदार ठहराया और कहा कि कलीसिया को लोगों तथा
उनकी समस्याओं के निकट जाना होगा। सन्त पापा ने कहा कि सम्भवतः कलीसिया अपने संकुचित
ढाँचों एवं संरचनाओं में क़ैद होकर रह गई है तथा अतीत का अवशेष मात्र बन गई है इसीलिये
लोग उससे पलायन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "आज ऐसी कलीसिया की ज़रूरत है जो दया के ममतामयी
गर्भ की पुनर्खोज कर सके क्योंकि दया के बिना समझदारी, क्षमा एवं प्रेम की आस लगाये बैठे
घायल लोगों के विश्व में भागीदार बनना असम्भव है।" सन्त पापा ने कहा कि काथलिक धर्मानुयायी
साधारण लोग हैं जिनके लिये जटिल बौद्धिक भाषा पराई अथवा अप्रासंगिक हो सकती है। उन्होंने
कहा, "सरलता के व्याकरण के बिना कलीसिया उन स्थितियों को ही खो देती है जो ईश्वरीय रहस्य
के गहरे पानी में निम्मज्जित होकर ईश्वर की खोज को सम्भव बनाती है।" प्रकाशित
आँकड़ों के अनुसार सन् 2000 में ब्राज़ील के साढ़े 12 करोड़ काथलिकों की संख्या सन् 2010
में 12 करोड़ रह गई। ग़ौरतलब है कि 19 करोड़ की कुल आबादी वाले ब्राज़ील में 74 प्रतिशत
काथलिक धर्मानुयायी हैं।