रियो दे जानेरोः 25 जुलाई को सन्त पापा ट्वीट्स ज़रूरतमन्दों, प्रार्थना एवं खेलों के
महत्व पर रहे केन्द्रित
रियो दे जानेरो, 26 जुलाई, सन् 2013 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने गुरुवार, 25 जुलाई
को किये अपने तीन ट्वीट्स पर ज़रूरतमन्दों पर ध्यान देने का आग्रह किया तथा प्रार्थना
एवं खेलों के मर्म को समझाया। इताली, अँग्रेज़ी, स्पानी, फ्रेंच, जर्मन, पोलिश,
पुर्तगाली, अरबी तथा लैटिन भाषाओं में किये अपने पहले ट्वीट पर सन्त पापा फ्राँसिस ने
लिखाः "किसी भी समाज की महानता का मापदण्ड इसी में है कि ज़रूरतमन्द के प्रति उसका व्यवहार
कैसा है, उन लोगों से वह कैसे पेश आता है जिनके पास अपनी दरिद्रता के सिवाय और कुछ नहीं
है।" अपने दूसरे ट्वीट पर सन्त पापा फ्राँसिस ने खेलों के महत्व की प्रकाशना कर मंगलकामना
की कि "खेल सदैव स्वस्थ आदान-प्रदान एवं विकास का अस्त्र बनें; हिंसा एवं घृणा का कभी
भी नहीं।" तीसरे ट्वीट पर सन्त पापा फ्राँसिस ने प्रार्थना के मर्म को समझाते हुए
लिखाः "ख्रीस्तीय जीवन प्रार्थना तक ही सीमित नहीं है, अपितु वह प्रार्थना से उत्पन्न
निरन्तर बढ़ते समर्पण एवं साहस की मांग करता है।"