2013-07-25 14:39:14

दुःखियों और बहिष्कृतों का आलिंगन - येसु का आलिंगन


रियो दे जनेइरो, 25 जुलाई, 2013 (सेदोक, वीआर) प्रिय महाधर्माध्यक्ष तेमपेस्ता, धर्माध्यक्षो, विशिष्ट अतिथियो, पेनन्स ऑफ सेन्ट फ्राँसिस के वेनेरेबल थर्ड ऑर्डर के सदस्यो, चिकित्सको, नर्सो, स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियो तथा युवाओ और परिवार के सदस्यो,

ईश्वर की इच्छा है कि अपारेसिदा की कुँवारी मरिया के तीर्थस्थल के दर्शन करने के बाद अब मैं संत फ्राँसिस ऑफ़ असीसी अस्पताल - मानव दुःखों का तीर्थस्थल।

आपके संरक्षक संत फ्राँसिस के मनफिराव की कहानी सबको मालूम हैः युवा फ्राँसिस ने अपना समृद्धि और दुनियावी आराम का त्याग कर एक निर्धन व्यक्ति बना और उनके बीच जीवन बिताया। उसने इस बात को समझ लिया था कि सच्चा आनन्द इस दुनिया की वस्तुओं, संपति और शक्ति से नहीं आती पर येसु का अनुसरण करने और दूसरों की सेवा करने से आती है। लोगों को इस बात की ज्ञान जल्दी नहीं मिलता पर संत फ्राँसिस ऑफ़ असीसी को इसकी समझ जल्द आ गयी और उनके जीवन पर इसका व्यापक असर पड़ा। और तब संत फ्राँसिस ने कोढ़ग्रस्त व्यक्ति का आलिंगन किया (लूमेन फीदेई, 57)।

संत फ्राँसिस के लिये यह दुःखी और बहिष्कृत भाई (व्यक्ति) ज्योति का मध्यस्थ बना क्योंकि जब भी हम दुःखी भाई या बहन को गले लगाता हैं हम दुःखित येसु के पावन देह का आलिंगन करते हैँ।

मैं चाहता हूँ कि इस अस्पताल में जो भी लोग नशीली पदार्थों के सेवन का संघर्ष कर रहे हैं उनका आलिंगन करुँ क्योंकि वे सब प्रभु येसु की पवित्र देह हैं और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि वे आपकी और मेरी जीवनयात्रा को नया करें, नया अर्थ दें और दृढ़ आशा से भर दें।

आलिंगन करने का अर्थ है ठीक वैसा ही आलिंगन करना जैसा संत फ्राँसिस ने ज़रूरतमंदों को किया। ब्राजील सहित पूरी दुनिया में कई ऐसे लोग हैं जिनको ध्यान देने तथा स्नेह और सेवा की ज़रूरत है - ऐसे लोग जो रासायनिक निर्भरता के विरुद्ध लड़ रहे हैं। सेवा के ठीक विपरीत हमारे समाज में स्वार्थ का बोलबाला है। कितने लोग यहाँ हैं जो ‘मौत के सौदागर’ हैं जो हर हालत में पैसा और शक्ति चाहते हैं।
नशीले पदार्थों का व्यापार हिंसा का साथ देता और पीड़ा तथा मृत्यु के बीज बोता है। समाज को चाहिये कि वह इसका सामना साहसपूर्वक करे।

लैटिन अमेरिकी देशों में इस बात का प्रस्ताव है कि नशीली पदार्थो के इस्तेमाल में उदारीकरण हो पर इससे नशीली पदार्दों की सेवा न कम होगी न ही इसका प्रभाव कम किया जा सकता है।

ठीक इसके विपरीत यह ज़रूरी है कि हम न्याय को बढ़ावा दें, युवाओं को मूल्यों को बारे में बतायें, कठिनाइयों में पड़े लोगों को साथ दें और उन्हें एक नयी आशा प्रदान करें

आज ज़रूरत है हम हर दूसरे व्यक्ति को येसु की स्नेहभरी आँखों से देखें, और उन्हें अपना स्नेह, सापीप्य और सेवा प्रदान करें।

एक-दूसरे को आलिंगन करना पर्याप्त नहीं है, हमें जरूरतमंद व्यक्ति को सहारा देना है, उस व्यक्ति का जो अवलम्बन के अंधकार में गिर गया है, शायद अनजाने ही। हम उसे; ‘आप उठ सकते हैं, खड़े हो सकते हैं’ आदि कह कर प्रोत्साहन दें। यह आसान है किन्तु यदि आप चाहें तो सम्भव है।

प्रिय मित्रो, ऐसा कहने के लिए मैं आप को शुभकामनाएँ देता हूँ, ख़ासकर जिन्हें यात्रा में जहाज़ चढ़ने की हिम्मत नहीं है। इसके लिए खड़ा होना अनिवार्य शर्त है ऐसा करने से आप खुले हाथ को मदद के लिए तैयार पायेंगे किन्तु आपके बदले कोई खड़ा नहीं हो सकता है। आप अकेले नहीं हैं, कलीसिया एवं बहुत सारे लोग आपके नजदीक हैं।

आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें। आपकी यात्रा ज़रूर लम्बी और कठिन है किन्तु आगे एक सुनिश्चित भविष्य, इस संसार के प्रति आसक्ति के प्रलोभन से अलग एक क्षितिज है, जो दैनिक जीवन में नई गति एवं शक्ति प्रदान करती है।(लुमेन फिदेई, 57) मैं आप सभी के सामने पुनः दोहराता हूँ, अपने अंदर से आशा को खोने न दें साथ ही दूसरों की आशा को न छीनें, वरन आशा के संदेश वाहक बनें।

सुसमाचार में हम भले समारी का दृष्टांत पढ़ते हैं जो लूटेरों द्वारा हमला किया गया तथा सड़क के किनारे अधमरा पडा था। लोग उसे देखते हुए गुजरे किन्तु रुके नहीं, अपनी यात्रा पर आगे बढ़ते गये। वे उसके प्रति उदासीन रहे, सोच कर कि यह कार्य उनका नहीं है। सिर्फ एक अंजान समारी उसे देखकर, रुका, उसे उठाया एवं उसका हाथ पकड़ा तथा उसकी देखभाल की।(लूक 10: 29-35)

प्रिय मित्रो, मैं विश्वास करता हूँ कि भले समारी का दृष्टांत इस अस्पताल में हक़ीक़त है। यहाँ उदासीनता नहीं है किन्तु दया एवं प्यार है।

संत फ्राँसिस संस्था एवं मादक पदार्थों की लत में पड़े लोगों के उपचार हेतु बने संगठन दिखाते हैं कि किस प्रकार कठिनाई में पड़े लोगों तक पहुँचा जा सकता है क्योंकि उनमें हम ख्रीस्त के चेहरे को देखते हैं, इन व्यक्तियों में ख्रीस्त का शरीर दुःख झेलता है। चिकित्सालय के सभी कर्मचारियों तथा उनके सहयोग को धन्यवाद। उनकी सेवा अमूल्य है। इस कार्य को सदा प्रेम से सम्पन्न करें। यह उन भाई- बहनों में उपस्थित ख्रीस्त की सेवा है। जैसा कि येसु कहते हैं - "यदि इन छोटे से छोटे भाईयों में से एक के लिए भी किया वह तुमने मेरे लिए ही किया।" (मति.25: 40)

मादक द्रव्यों की लत से संघर्ष करने वालों एवं परिवार के सदस्यों जो आपकी कठिनाईयों में सहानुभूति रखते हैं उनसे पुनः बताना चाहता हूँ कि कलीसिया आपके कष्टों से अनभिज्ञ नहीं है किन्तु सस्नेह आपके साथ है। ईश्वर आप के साथ हैं तथा वे आपको अपनी हथेलियों पर उठा लेते हैं। अपने कठिनतम घड़ी में उनकी ओर निगाहें उठायें, वे आपको सहानुभूति एवं आशा प्रदान करेंगे।

आप माता मरियम की ममतामय प्यार पर भरोसा रखें। आज, अपारेसिदा की माता मरिया के गोरोटो में, मैंने आप प्रत्येक को उनके हृदय के सुपुर्द कर दिया है जहाँ क्रूस है, हमारी माँ मरियम हमेशा हमारे साथ हैं। मैं आपको उनके हाथों सौंपता हूँ तथा अत्यधिक स्नेह से सभी का अभिवादन करता हूँ।

जस्टिन, ये.स. एवं उषा तिर्की, डी.एस.ए.













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