2013-07-22 09:44:28

वाटिकन सिटीः कार्डिनल पिमेन्ता के निधन पर सन्त पापा फ्राँसिस ने भेजा शोक सन्देश


वाटिकन सिटी, 22 जुलाई सन् 2013 (सेदोक): मुम्बई के सेवानिवृत्त कार्डिनल साईमन पिमेन्ता के निधन पर गहन शोक व्यक्त करते हुए सन्त पापा फ्रांसिस ने एक संवेदना सन्देश प्रेषित कर दिवंगत आत्मा के प्रति भावभीनी श्रद्धान्जलि अर्पित की।
शुक्रवार 19 जुलाई की रात्रि, मुम्बई के बान्द्रा उपनगर स्थित क्लर्जीहोम में, 93 वर्षीय कार्डिनल साईमन पिमेन्ता का निधन हो गया था।
शनिवार को मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ऑसवल्ड ग्रेशियस के नाम एक सन्देश प्रेषित कर सन्त पापा फ्राँसिस ने लिखाः "मुम्बई के सेवानिवृत्त कार्डिनल साईमन पिमेन्ता की मृत्यु का समाचार सुन मैं दुखी हूँ तथा महाधर्मप्रान्त के समस्त याजकवर्ग, धर्मसंघियों एवं लोकधर्मियों के प्रति गहन सहानुभूति का प्रदर्शन करता हूँ।"
सन्त पापा फ्राँसिस ने सन्देश में कार्डिनल पिमेन्ता द्वारा विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया तथा, विशेष रूप से, मुम्बई की कलीसिया को अर्पित दीर्घकालीन समर्पित सेवाओं के लिये ईश्वर के प्रति आभार व्यक्त किया। सन्त पापा ने मंगलयाचना की कि "करुणामय प्रभु ईश्वर साईमन पिमेन्ता को उनकी निःस्वार्थ सेवा एवं निष्ठापूर्ण कार्यों के लिये पुरस्कृत करें तथा आनन्द एवं शांति में, दिवंगत आत्मा का अपने स्वर्गिक धाम में स्वागत करें।"
कार्डिनल साईमन पिमेन्ता के परिजनों, मित्रों एवं सभी शोकाकुल व्यक्तियों के प्रति आध्यात्मिक सामीप्य का प्रदर्शन कर सन्त पापा फ्राँसिस ने उन्हें अपनी प्रार्थनाओं का आश्वासन दिया।
मुम्बई के मरोल गाँव में, 01 मार्च, सन् 1920 ई. को साईमन इग्नेशियस पिमेन्ता का जन्म हुआ था। मुम्बई के सेन्ट जॉन्स हाईस्कूल तथा सेन्ट ज़ेवियर कॉलेज से युवा साईमन पिमेन्ता ने शिक्षा प्राप्त की थी। सन् 1949 ई. में आप पुरोहित अभिषिक्त किये गये थे तथा सन् 1954 ई. में आपने रोम स्थित अरबन परमधर्मपीठीय विश्वविद्यालय से कलीसियाई विधान में डॉक्टरेड की उपाधि हासिल की थी। भारत लौटकर आप भारत के सर्वप्रथम कार्डिनल वालेरियन ग्रेशियस के सचिव नियुक्त किये गये थे।
05 जून, सन् 1971 ई. को, साईमन पिमेन्ता, मुम्बई के सहयोगी धर्माध्यक्ष तथा सन् 1978 ई. में महाधर्माध्यक्ष नियुक्त किये गये थे। साईमन पिमेन्ता के नेतृत्व में मुम्बई महाधर्मप्रान्त ने प्रेरितिक एवं लोकोपकारी क्षेत्रों में कीर्तिकर प्रगति की। उनके मार्गदर्शन में महाधर्मप्रान्त में 12 अस्पताल, 44 चिकित्सालय, कई स्कूल तथा प्रेरितिक प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना की गई। सन् 1988 ई. से कार्डिनल सॉईमन पिमेन्ता, एक के बाद एक, तीन कार्यकालों के लिये भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष नियुक्त किये जाते रहे थे।
धन्य सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय ने 28 जून, सन् 1988 ई. को, मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष साईमन पिमेन्ता को, कार्डिनल नियुक्त कर कलीसिया के राजकुमार की पदवी से सम्मानित किया था। 08 नवम्बर, सन् 1996 तक कार्डिनल पिमेन्ता ने अपने प्रेरितिक कार्यों को जारी रखा तथा आयु सीमा पार कर लेने उपरान्त उन्होंने अपना पदत्याग दिया था।
सोमवार, 22 जुलाई को, मुम्बई के मरोल स्थित सेन्ट जॉन द इवेन्जेलिस्ट गिरजाघर में स्व. कार्डिनल साईमन इग्नेशियस पिमेन्ता की अन्तयेष्टि सम्पन्न की जा रही है। सोमवार अपरान्ह मुम्बई महाधर्मप्रान्तीय महागिरजाघर होलीनेम में भी ख्रीस्तयाग का आयोजन किया गया है।








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