पत्र 11.5.2103 दीवान रफिगुल इस्लाम साहब, फ्रेंड्स
रेडियो क्लब, नाउगाँव, पातीर मोड़, बंगलादेश। मेरा एक लिस्नर्स क्लब है, जिसको मैंने
1 जनवरी सन् 1997 ई. में स्थापित किया है। इस क्लब में कुल 150 सदस्य हैं तथा एक पुस्तकालय
है जिसमें 250 किताबें, और 5 समाचार कागज। अतः आप अपनी भाषा की किताबें, विज्ञान की पत्रिकाएँ
एवं ऐतिहासिक किताबें भेज सकते हैं।
पत्र - 5.5.2013 डॉ. हेमंत कुमार, प्रियदर्शिनी
रेडियो लिस्नर्स क्लब, भागलपुर, बिहार। बलत्कार की जितनी भी निंदा की जाए वह कम है।
सरकार इसके खिलाप भी सक्त नियम बना दिया है। लेकिन सिर्फ कानून बना देने से अपराध खत्म
हो जाने वाला नहीं है। जरूरत है इस मुद्दे पर जन-जन को जागरूक करने की। ये कार्य हम सामाजिक
या व्यक्तिगत रुप से भी शुरु कर सकते हैं। ये हमारी ज़िम्मेदारी है। अगर हमें इस अपराध
से समाज को मुक्त करना है तो सबसे पहले खुद ही ज़िम्मेदारी उठानी होगी।
पत्र-
जय कृष्ण कुमार, उषा रेडियो श्रोता संघ, बांका करंजा, बिहार। प्रभु के नाम पर सादर
प्रणाम, मैं 2 फरवरी को प्रसारित सायंकालीन प्रसारण सुना, कार्यक्रम बहुत अच्छा लगा।
मासित प्रार्थना मनोरथ, रविवारीय चिंतन एवं भक्ति गीत "मैं तुम्हारा साथ न छोड़ूँगा"
बहुत ही अच्छे लगे। कार्यक्रम में ‘बुढ़िया की कहानी’ द्वारा हमें द्वेष, ईष्या और क्रोध
के दुष्परिणामों को समझाया गया। वाकई क्रोध में इंसान कभी कभी कीमती चीजें खो देता है।
जो पुनः मिल पाना संभव नहीं होता। बाईबल का कथन नबियों का अपने देश में आदर नहीं होता,
यह बिलकुल सच बात है। लेकिन आच नहीं तो कल मूल्यवान चीजों की कमत तो हमें समझनी ही पड़ेगी।
पत्र - 18 05 2013 चेनाराम बारुपाल, चौहटन, बाड़मेर, राजस्थान। मैं वाटिकन
रेडियो का नियमित श्रोता हूँ। मेरा परिवार दुःख की घड़ी में पहुँच गया है क्योंकि आप मेरे
पत्र को शामिल नहीं करते और न ही पत्रिका भेजते हैं। क्या कारण हैँ?
पत्र- 16.5.2103 अर्चना
राजपुत, लोधी नगर चर्रा, अलिगढ़। प्रभु यीशु मसीह के मधुर-मीठे नाम में आपको जय मसीह
की! मैँ नयी श्रोता हूँ कुछ दिन पहले मेँ रेडियो वाटिकन का प्रसारण सुनना शुरू किया
है। कार्यक्रम स्पष्ट सुना पा रही हूँ। कार्यक्रम बहुत अच्छे हैँ।