2013-07-13 16:37:53

पाकिस्तान: देश के शैक्षणिक साहित्य पाठ्यक्रम में पूर्वाग्रह एवं घृणित सामग्रियों का बहिष्कार


पाकिस्तान, शनिवार, 13 जुलाई (उकान): पाकिस्तान स्थित कराची के काथलिक महाधर्माध्यक्ष जोसेफ कूट्स ने बुधवार, 10 जुलाई को विश्वासियों से अपील की कि देश के शैक्षणिक साहित्य पाठ्यक्रम में सम्मिलित पूर्वाग्रह एवं घृणित सामग्रियों को उजागर करें। उन्होंने कराची में शांति हेतु शिक्षा सम्मेलन में कहा, "मैंने देश के विभिन्न धर्मों, भाषाओं, बहुजातीय और बहु-सांस्कृतिक संगठनों से अपील की है कि वे लोगों के बीच जाकर साहित्य में सम्मिलित ‘भेदभाव फैलाने वाले शब्दों’ का उज़ागर करें। न्याय एवं शांति के लिये बनी राष्ट्रीय आयोग (एन सी जे पी) द्वारा हाल के अनुसंधान के पता चलता है कि स्कूल की पाठ्यपुस्तकों में ऐसे सामग्री शामिल हैं जिनमें धर्मनिरपेक्ष पर अविश्वास और घृणा के अनेकों उदाहरण मिलते हैं। इसमें यह भी बतलाया गया है कि दूसरे धर्मों के प्रति घृणापूर्ण सामग्रियों में उल्लेखनीय वृद्धि भी पायी गयी है। पंजाब जिले में शिक्षा अधिकारियों द्वारा निर्गत पाठ्यक्रम की किताबों में अनुसंधानकर्ता ने सन् 2009 ई. में 45 उदाहरण पाया था जो सन् 2012 में बढ़कर 122 हो गया। जबकि उस समय सिंध प्रांत में बहिष्कार करने वालों की संख्या दूना पाया गया था। एनसीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष पीटर जेकब ने कहा, हमने तीन किताबों पर ग़ौर किया है जिसमें सन् 2009 ई. घृणित सामग्री नहीं पाया गया था किन्तु सन् 2012 ई. में उन में भी घृणित सामग्रियों को डाल दिया गया है। उदाहरण के लिए पंजाब प्रांत के लिए अनुमोदन प्राप्त किताब ‘संयुक्त राष्ट्र, एक सामाजिक अध्ययन’ उद्धित करता है कि संसार के अधिकत्तर ग़ैरमुस्लमान देश हमेशा मुसलमानों के विरूद्ध रहे हैं तथा सिंध प्रांत की एक किताब उसी विषय पर कहती है ,"जैसे उनकी आदत रही है हिन्दूओं ने मुसलमानों को हर कदम में धोखा दिया है।" अनुसंधान कर्त्ताओं ने इस बात का पता लगाया कि कि पाठ्यक्रम की किताबों में दुनिया की घटनाओं का एकतरफा दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया है, जैसा कि सिर्फ युद्ध में रहना, वध करना तथा मुसलमानों के विरुद्ध भेदभाव और षड्यंत्र। कई देशों को तो "इस्लाम का विरोधी" देश बतलाया गया है। सिन्ध प्रांत के जनसा पार्टी के महाध्यक्ष ताज हैदर ने महाधर्माध्यक्ष कूटस के विचारों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, "यह कठिन काम है किन्तु हम पाठ्य किताबों से घृणित सामग्रियों को हटाने के लिए एनसीजेपी को अपना पूर्ण समर्थन का आश्वासन देता हूँ। इस प्रकार के घृणित सामग्रियों के प्रचार द्वारा न केवल हम दूसरों को नष्ट करने की योजना बना रहें हैं किन्तु खुद आत्महत्या कर रहे हैं तथा अपने देश की हत्या कर रहे हैं।













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