आपराधिक कानूनी मामलों और प्रशासनिक प्रबंध के संबंध में संत पापा फ्राँसिस की ‘मोतु
प्रोप्रियो’ अर्थात स्वतःप्रेरणा से प्रेषित पत्र
वाटिकन सिटी, वृहस्पतिवार, 11 जुलाई, 2013 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने आपराधिक
कानूनी मामलों और प्रशासनिक प्रबंध के संबंध में एक मोतु प्रोप्रियो अर्थात् स्वतःप्रेरणा
से एक पत्र प्रेषित किया है। इस पत्र के साथ ही कानून संबंधी परमधर्मपीठीय परिषद ने आपराधिक
कानून संबंधी कानून संख्या 8, आपराधिक कानून के संशोधन और प्रक्रिया संख्या 11 और आम
प्रशासनिक प्रतिबंध संबंधी कानून संख्या 10 को अपनाया लिया है।
संत पापा के
मोतु प्रोप्रियो के अनुसार यह कानून अब परमधरमपीठ के अंतर्गत लागू हो गया है। स्वतः प्रेरणा
से प्रेषित पत्र वाटिकन सिटी में कानूनी प्रणाली को व्यवस्थित करने के उस कदम को जारी
रखने की कोशिश है जिसे संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें के कार्यकाल में सन् 2010 से लागू
किया गया था।
इन कानूनों वाटिकन कानूनी प्रणाली में स्वीकार करने का अर्थ है
कई अंतरराष्ट्रीय मान्यताओं जैसे 1949 के चार जेनेवा सम्मेलनों के युद्ध अपराध जैसी बातों
को स्वीकार करना, 1965 के जातीय भेदभाव को समाप्त करने संबंधी बातें, सन् 1984 की क्रूर,
अमानुषिक या अपमानजन वर्ताव तथा सन् 1989 के बच्चों के अधिकार और सन् 2000 के वैकल्पिक
प्रोटोकोल को स्वीकार करना शामिल है।
मोतु प्रोप्रियो का सार है वाटिकन कानूनी
प्रणाली को आधुनिक बनाना ताकि इसका प्रभाव और निरंतरता कायम रहे।