वाटिकन सिटीः सन्त पापा फ्राँसिस की लामपेदूसा यात्रा शरणार्थियों की व्यथा का स्मरण
दिलाती है, कार्डिनल मारादियागा
वाटिकन सिटी, 09 जुलाई सन् 2013 (सेदोक): विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया की कल्याणकारी
संस्था कारितास इन्टरनेशनल के अध्यक्ष कार्डिनल ऑस्कर रॉडरिग्ज़ मारादियागा ने कहा है
कि 08 जुलाई को सम्पन्न सन्त पापा फ्राँसिस की लामपेदूसा यात्रा हम सब को विश्व में व्याप्त
लाखों शरणार्थियों की व्यथा का स्मरण दिलाती है। सन्त पापा की लामपेदूसा यात्रा के
उपरान्त एक घोषणा जारी कर कार्डिनल मारादियागा ने शरणार्थियों को और अधिक सुरक्षा प्रदान
करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, "शरणार्थियों के प्रति मर्यादापूर्ण एवं सम्मानजनक
व्यवहार का आश्वासन देने में धार्मिक नेताओं तथा धर्म एवं विश्वास पर आधारित संगठनों
की भूमिका महत्वपूर्ण है। भाई और बहन के सदृश सभी शरणार्थियों का स्वागत किया जाना चाहिये।"
सोमवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने "यूरोप का प्रवेश द्वार" तथा "आशा का दरवाज़ा" कहलानेवाले
लामपेदूसा की यात्रा की थी। इटली के इसी द्वीप से होकर, विगत कई वर्षों से, हज़ारों आप्रवासी
एवं शरणार्थी, घोर कठिनाइयों एवं भेदभाव के बावजूद, यूरोप में प्रवेश करते आये हैं। कारितास
इन्टरनेशनल द्वारा प्रकाशित आँकड़ों के अनुसार विश्व में शरणार्थियों की संख्या इस समय
लगभग चार करोड़ है। कार्डिनल मारादियागा, शरणार्थी सम्बन्धी संयुक्त राष्ट्र संघीय
एजेन्सी तथा विभिन्न धर्मों के 400 नेताओं के साथ मिलकर शरणार्थियों एवं आप्रवासियों
के पक्ष में उस घोषणा पत्र पर भी हस्ताक्षर कर चुके हैं जो आगामी नवम्बर माह में वियेना
स्थित "अन्तर-धार्मिक एवं अन्तर-सांस्कृतिक सम्वाद सम्बन्धी किंग अब्दुल्लाह इन्टरनेशनल
सेन्टर" में जारी किया जायेगा।