2013-07-08 15:17:26

लम्पेदूसा में संत पापा फ्राँसिस का प्रवचन


नावों में सवार अप्रवासी समुद्र में डूब गये, जो नाव उनके लिये आशा का मार्ग था उन्हें मृत्यु का मार्ग दिखा दिया। कुछ दिनों पहले जब मैंने यह ख़बर पढ़ी तो मुझे गहरा दुःख हुआ। दुर्भाग्यवश इस तरह की ख़बरे दुहरायी जाती रहीं हैं जो हमारे दिल को काँटे की तरह चुभती है। मैंने निर्णय किया कि मैं आपलोगों के पास आकर प्रार्थना करुँ और अपनी आध्यात्मिक सामीप्य प्रदान करुँ। इन बातों के साथ मेरे यहाँ आने का मकसद यह भी है कि इससे हमारा अंतःकरण जागे और ऐसी घटनायें फिर न हो। मेरी अपील है आप इसकी पुनरावृत्ति न होने दें।

आरंभ ही में मैं लम्पेदूसा और लिनोसा के लोगों यहाँ के लोगों तथा विभिन्न संगठनों, सुरक्षा जवानों और स्वयंसेवकों को धन्यवाद देता हूँ और आपके कार्यों की सराहना करता हूँ। आपने सदा ही राहगीरों को ख़्याल रखा है और उनकी यात्रा को सुखद बनाया है। आप की संख्या कम है पर आप में जो सहयोग की भावना है उसे आसानी से देखा जा सकता है। मैं उपस्थित महाधर्माध्य़क्ष फ्राँसिसको मोन्तेनेगरो और सिन्दको जिसी निकोलिनी का अभिवादन करने के साथ-साथ उपस्थित मुसलमान भाइयों का भी स्वागत करता हूँ जो रामदान के महीने में हैं। ईश्वर उन्हें भरपुर कृपायें दे।
काथलिक कलीसिया आप लोगों के साथ है और चाहती है कि वह आपको और आपके परिवार के सदस्यों के मर्यादापूर्ण जीवन की तलाश में सहायक सिद्ध हो। मैं चाहता हूँ कि आपको कुछ बातें बतलाउँ जो आपके अंतःकरण को प्रेरित करुँ ताकि आप अपना मनोभाव बदल सकें।

आदम तू कहाँ है? यह ईश्वर का पहला सवाल था जिसे उन्होंने आदम से किया था जब वह पाप मे गिरा। आदम अपनी घबराहट में यह भूल गया था कि सृष्टि में उसका क्या स्थान है। वह सोचने लगा था कि शक्तिशाली होने का अर्थ है दुनिया पर कब्ज़ा जमाना और ईश्वर ही बन जाना और इसीलिये जो सामंजस्य थी वह बिगड़ गयी। और यह स्पष्ट है कि आदम गलती में था और इसी के कारण वह अपने भाई का भाई नहीं रह गया। अब ईश्वर के दूसरे सवाल पर हम ग़ौर करें जिसमें ईश्वर ने काईन से पूछा कि तुम्हारा भाई कहाँ है? बड़े होने की महत्वकाँक्षा या हम कहें ईश्वर बनने की इच्छा के कारण ही काइन ने अपने भाई हाबिल की हत्या की। आज भी ईश्वर हमसे यही दो प्रश्न करते रहते हैं। हम अगर ईश्वर के प्रश्न को ध्यान नहीं देते, उन बातों को ध्यान नहीं देते जिसे ईश्वर ने हमारे लिये बनाया है और ऐसा होने से हम उन विनाशों को शिकार होते हैं जिनका हमने हाल में अनुभव किया है।

तुम्हारा भाई कहाँ है ? यह एक ऐसा सवाल है जिसे आज भी ईश्वर हम सबको व्यक्तिगत रूप से पूछ रहे हैं। आज दुनिया के लोग चाहते हैं कि वे अपने घरों से बाहर आयें और शांति प्राप्त करें पर वे मारे जाते हैं या दुर्घटनाओं के शिकार हो जाते हैं। जब वे ऐसी परिस्थिति में फँस जाते हैं तो वे ईश्वर को आवाज़ देते हैं और लम्पेदूसा के लोगों को पुकारते है। मैं लम्पेदूसा के लोगों की सेवा की सराहना करता हूँ।

स्पानी साहित्य में एक नाटक हैं जिसमें लोपे दे वेगा फ्लुवेन्ते ओवेहूना शहर के लोग अपने राज्यपाल की हत्या कर दते हैं क्योंकि वह अत्यचारी था और वे ऐसा करते हैं कि किसी को पता ही न चले। और जब राजदरबार की अदालत में इस के बारे में पूछा जाता है कि किसने राज्यपाल की हत्या की तो फ्युवेन्ते निवासी एक साथ कहते हैं कि मालिक, हत्या सबों ने या किसी ने की। आज भी यही सवाल गूँजता है कि किसने हत्या की है, कौन भाई-बहन की हत्या का ज़िम्मेदार है?

जवाब मिलता है हममें से किसी ने नहीं, न ही मैंने। इस संबंध में मुझे कुछ नहीं कहना है। और ईश्वर हमें पूछते हैं कि तुम्हारे भाई का रक्त पुकार रहा है। दुनिया में कोई दायित्व लेना नहीं चाहते। भ्रातृत्व भावना की ज़िम्मेदारी खो गयी है। कोई रास्ते में गिरा हुआ है और हम अपने राह में चलते जा रहे हैं और ऐसा करने में हमें आनन्द आता है।

स्पा संस्कृति ने हमें असंवेदनशील बना दिया है और हमारा जीवन साबुन के बुलबुले के समान हो गया है जो सुन्दर दिखते हैं पर उसका कोई अर्थ नहीं है, वे क्षणभंगुर हैं। हम उदासीन हो गये हैं और यह उदासीनता विश्वव्यापी होती जा रही है। हम दूसरों की चिन्ता नहीं करते हैँ।

आइये हमें मन्जोनी की ओर लौटें। मेरा एक और सवाल है कौन ऐसा व्यक्ति है जो ऐसी घटनाने क लिये रो रहा है।

सुसमचार में हम सुनते हैं राखेल अपने बच्चों के लिये रोती है । हेरोद ने अपने स्वार्थ के लिये बच्चों को मार डालना चाहा था। आज की पूजनविधि में हम ऐसी उदासीनता के लिये ईश्वर माफी माँगे और ऐसे लोगों के लिये प्रार्थना करें जो ऐसी परिस्थितियों को बढ़ाने के पक्ष में निर्णय लेते हैं और इस लिये ऐसी दुर्घनायें घटती रहती हैं। ईश्वर उन्हें क्षमा प्रदान करे।











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