वाटिकन सिटीः दो सन्त पापाओं द्वारा "विश्वास" पर रचित विश्वपत्र प्रकाशित
वाटिकन सिटी, 06 जुलाई सन् 2013 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने, शुक्रवार को, विश्वास
विषय पर अपने प्रथम विश्व पत्र की प्रकाशना की। यह विश्व पत्र अपने आप में अद्वितीय है
इसलिये कि यह दो सन्त पापाओं द्वारा लिखा गया है। 82 पृष्ठोंवाले "लूमेन फीदेई"
नामक इस विश्व पत्र के प्रथम तीन अध्याय सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा लिखे गये
हैं जिनमें उनकी धर्मतत्ववैज्ञानिक शैली, विश्वास एवं तर्कणा के बीच तकरार तथा सापेक्षवाद
सम्बन्धी उत्कंठाओं की झलक स्पष्ट देखी जा सकती है। सन्त पापा फ्राँसिस की प्राथमिकताओं
को विश्व पत्र "लूमेन फीदेई" के अन्तिम अध्याय में देखा जा सकता है जिसमें आर्जेन्टीना
के येसु धर्मसमाजी जनकल्याण एवं मानव उत्थान के क्षेत्र में विश्वास की भूमिका पर बल
देते हैं। सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा आरम्भ तथा सन्त पापा फ्राँसिस द्वारा
समाप्त "लूमेन फीदेई" विश्व पत्र इस तथ्य को रेखाकिंत करता है कि विश्वास के संकट से
पूर्व मानव एवं सत्य का संकट है। सापेक्षवाद, मानव व्यक्ति के सामंजस्य, सह-अस्तित्व,
न्याय, प्रेम एवं वैज्ञानिक अनुसन्धान को भ्रष्ट करता है। प्रभु येसु ख्रीस्त में परिपूर्णता
प्राप्त करनेवाला अब्राहम का विश्वास समस्त मानव अनुसन्धानों, खोजों एवं मानव की जीवन
यात्राओं को आलोक प्रदान करता है। "लूमेन फीदेई" में इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित
कराया गया है कि मानवीय संकट का कारण ईश्वर का बहिष्कार तथा मानव का हठधर्म है। शुक्रवार
को वाटिकन उद्यान में आयोजित एक समारोह में सन्त पापा फ्राँसिस एवं सन्त पापा बेनेडिक्ट
16 वें ने एक दूसरे का आलिंगन किया तथा वाटिकन उद्यान में प्रतिष्ठापित महादूत मिखाएल
की प्रतिमा के अनुष्ठान समारोह में एक दूसरे के अगल-बगल बैठे दिखाई दिये। सन्त पापा
फ्राँसिस ने इस अवसर पर स्वीकार किया कि "लूमेन फीदेई" विश्व पत्र सन्त पापा बेनेडिक्ट
16 वें की योजना थी जिसके प्रारम्भिक अध्याय उन्हीं के द्वारा रचे गये हैं उन्होंने इस
विश्वपत्र को केवल अन्तिम रूप दिया है।