राल्फ मिलनर का जन्म, 16 वीं शताब्दी के आरम्भ
में, इंगलैण्ड के हेम्पशायर स्थित फ्लाकस्टेड के एक एंगलिकन परिवार में हुआ था। राल्फ
मिलनर एक लोकधर्मी काथलिक थे तथा कठिन परिश्रम कर अपनी पत्नी एवं आठ बच्चों का लालन पालन
किया करते थे। हाँलाकि, राल्फ का जन्म एक एंगलिकन परिवार में हुआ था उन्होंने काथलिक
धर्म का आलसिंगन कर लिया था और इसी कारण जिस दिन वे प्रथम प्रसाद ग्रहण कर रहे थे उसी
दिन उन्हें गिरफ्तार कर विनचेस्टर जेल में डाल दिया गया था।
कारावास में उनके
भले आचरण के कारण राल्फ को कई बार अपने परिवार को देखने का मौका दिया जाता था तथा जेल
की चाभियाँ भी उनके सिपुर्द कर दी गई थी। उनके प्रति जेल अधिकारियों के नरम व्यवहार का
लाभ उठाकर राल्फ ने कारावास में काथलिक पुरोहितों के प्रवेश की अनुमति पा ली। संस्कारों
के सम्पादन के लिये काथलिक पुरोहित जब कारावास आने लगे तो राल्फ का उनसे सामीप्य बढ़ा।
इनमें प्रमुख थे फादर थॉमस स्टेनी तथा उनके बाद फादर रोजर डिकिनसन।
फादर डिकिनसन
की मदद से राल्फ ने कई गाँवों में काथलिक पुरोहितों को प्रेरिताई के लिये भिजवाया किन्तु
जब जेल अधिकारियों को राल्फ की इन गतिविधियों का ज्ञान हुआ तब उन्होंने राल्फ के साथ
साथ फादर डिकिनसन को भी विनचेस्टर जेल की काल कोठरी में बन्द कर दिया। उनपर मुकद्दमा
चला तथा उन्हें मुक्त करने के आशय से न्यायधीश ने उन्हें पुनः प्रॉटेस्टेण्ट चर्च में
शामिल होने के लिये कहा किन्तु राल्फ काथलिक विश्वास पर अटल रहे।
फादर डिकिनसन
तथा राल्फ मिलनर, दोनों को, प्राण दण्ड की सज़ा दे दी गई तथा फाँसी देकर मार डाला गया।
इस आशा से कि बच्चों को देखकर राल्फ का मन परिवर्तन हो जायेगा, राल्फ की फाँसी के अवसर
पर अधिकारियों ने उनके बच्चों को उनके पास भेजा। राल्फ ने अपने बच्चों को आशीष देकर उनसे
विदा ली। 07 जुलाई, सन् 1591 ई. को राल्फ मिलनर को फाँसी देकर मार डाला गया। काथलिक कलीसिया
के शहीद, राल्फ मिलनर को, सन् 1929 ई. में, धन्य घोषित किया गया था। उनका पर्व 07 जुलाई
को मनाया जाता है।
चिन्तनः सतत् प्रार्थना द्वारा हम भी प्रभु येसु
ख्रीस्त में अपने विश्वास को सुदृढ़ करें तथा साहसपूर्वक उनके प्रेम सन्देश का प्रसार
करें ताकि विश्व में न्याय, मैत्री एवं शांति की स्थापना हो सके।