नई दिल्लीः खाद्य विधेयक पर लगाई जा रही अटकलबाज़ियाँ
नई दिल्ली, 05 जुलाई सन् 2013 (ऊका समाचार): भारत सरकार ने बुधवार को "राष्ट्रीय खाद्य
सुरक्षा विधेयक" जारी किया जिसके तहत भारत के निर्धन परिवारों को प्रति व्यक्ति पाँच
किलो चावल एवं अन्य अनाज एक से तीन रुपये किलोग्राम के भाव से वितरित किये जायेंगे। इस
नई योजना का खर्च है 22 अरब अमरीकी डॉलर बताया गया है। ग्लोबल क्रिस्टियन चेम्बर
ऑफ कॉमर्स के उद्योगपति फ्रेडी मेनडोन्सा ने ऊका समाचार से कहा कि खाद्य विधेयक भारतीय
समाज के लिये एक महत्वपूर्ण कदम है किन्तु इसे भ्रष्टाचार से बचाया जाना चाहिये। भारत
से ग़रीबी एवं क्षुधा को कम करने के उद्देश्य से "राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक" जारी
किया गया है। अन्तरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसन्धान संस्था के अनुसार क्षुधा एवं अकाल
से पीड़ित 67 देशों में भारत को 15 वें स्थान पर रखा गया है जहाँ पाँच वर्ष से कमउम्र
के 43 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। काँग्रेस पार्टी के नेतृत्ववाली सरकार
द्वारा विधेयक जारी किया गया जिसे भाजपा तथा विपक्षी दलों ने आगामी चुनाव जीतने की चाल
बताई है। उनका कहना है कि संसद में विचार किये बिना विधेयक जारी करने से यह स्पष्ट है
कि काँग्रेस तथा उसकी सहपार्टियाँ जल्दी चुनाव कराना चाहती हैं। काँग्रेस पार्टी
के प्रवक्ता अजय माकेन ने गुरुवार को पत्रकारों से कहा कि ज़रूरतमन्द लोगों को खाद्य
की गारंटी देने के लिये विधेयक आवश्यक है। जल्दी चुनाव की बात से उन्होंने इनकार कर दिया।