2013-07-05 12:45:15

जिनिवाः वाटिकन पर्यवेक्षक ने टेकनॉलोजी के ज़िम्मेदाराना उपयोग का किया आह्वान


वाटिकन सिटी, 05 जुलाई सन् 2013 (सेदोक): जिनिवा स्थित संयुक्त राष्ट्र संघीय कार्यालयों में वाटिकन के स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष सिलवानो थॉमासी ने टैकनोलोजी के ज़िम्मेदाराना उपयोग की मांग की है।
संयुक्त राष्ट्र संघ की आर्थिक एवं सामाजिक मामलों की उच्च स्तरीय समिति को, गुरुवार को सम्बोधित कर महाधर्माध्यक्ष थॉमसी ने, मानव विकास के क्षेत्र में विज्ञान एवं तकनीकी के रचनात्मक योगदान की सराहना की तथापि कहा कि नवीन तकनीकियों का उपयोग नैतिक ज़िम्मेदारी के साथ किया जाना चाहिये।
महाधर्माध्यक्ष थॉमासी ने कहा, "विज्ञान एवं तकनीकी ने विश्वव्यापी स्तर पर विकास की बहाली की है जैसे नई दवाओं की खोज ने मनुष्य के जीवन की अवधि को उन्नत कर दिया है तथा कई महामारियों के लिये निवारक औषधियों का अविष्कार किया है।" तथापि, उन्होंने कहा, "केवल आर्थिक, शिल्पवैज्ञानिक एवं तकनीकी विकास अपर्याप्त है।"
उन्होंने कहा, "विकास को, यथार्थ एवं अखण्ड विकास होना चाहिये, जो मानव व्यक्ति की हर आकाँक्षा का आलिंगन करे क्योंकि मानव ही विकास का सर्वोत्तम संसाधन एवं अपरिहार्य अभिनायक है।"
महाधर्माध्यक्ष थॉमासी ने कहा, "निःसन्देह, विज्ञान एवं तकनीकी, परिवर्तन के शक्तिशाली अस्त्र हैं जैसे विगत दशकों में इन्टरनेट ने वाकई क्रान्ति उत्पन्न कर दी है तथापि इन नवीन उपकरणों का उपयोग ज़िम्मेदारीपूर्वक किया जाना अनिवार्य है ताकि तकनीकी प्रणालियाँ मानवीय संस्कृतियों तथा मानवीय मूल्यों के निकाय पर हावी न होवें।"








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