वाटिकन सिटीः कुस्तुनतुनिया के ख्रीस्तीय प्रतिनिधिमण्डल को सन्त पापा का सम्बोधन
वाटिकन सिटी, 28 जून सन् 2013 (सेदोक): तुर्की से कुस्तुनतुनिया की प्राधिधर्माध्यक्षीय
पीठ के ख्रीस्तीय प्रतिनिधिमण्डल ने शुक्रवार को वाटिकन में सन्त पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार
कर उनका सन्देश सुना। ग़ौरतलब है कि प्रतिवर्ष 29 जून को सन्त पेत्रुस एवं सन्त पौलुस
के महापर्व के उपलक्ष्य में कुस्तुनतुनिया की कलीसिया सदभावना के प्रदर्शन हेतु अपने
प्रतिनिधिमण्डल को रोम की कलीसिया प्रेषित करती है। इसी प्रकार नवम्बर माह में सन्त अन्द्रेयस
के महापर्व के उपलक्ष्य में रोमी कलीसिया का प्रतिनिधिमण्डल कुस्तुनतुनिया की यात्रा
करता है। अपने सम्बोधन में सन्त पापा ने कहा, "रोम के संरक्षक सन्त पेत्रुस और पौलुस
के महापर्व के उपलक्ष्य में आपका अभिवादन करते मैं अत्यन्त प्रसन्न हूँ। इस महापर्व पर
रोम में आपकी उपस्थिति, विश्वास, आशा और उदारता में, रोम तथा कुस्तुननिया की कलीसियाओं
को एकता के सूत्र में बाँधनेवाले घनिष्ठ सम्बन्ध का प्रतीक है।" कुस्तुनतुनिया की
कलीसिया के धर्माधिपति प्राधिधर्माध्यक्ष बारथोलोम प्रथम तथा प्राधिधर्माध्यक्षीय पीठ
के समस्त धर्माधिकारियों के प्रति सन्त पापा ने आभार व्यक्त किया तथा मंगलकायाचना की
कि दोनों कलीसियाओं के बीच भ्रातृत्व भाव में सम्पन्न मुलाकातें पूर्ण एकता की स्थापना
को सम्भव बनाये। सन्त पापा ने कहा, "ख्रीस्त के समस्त अनुयायियों के बीच एकता वह
अनिवार्य तथ्य है जिसे, पहले से कहीं अधिक, आज अनदेखा नहीं किया जा सकता।" उन्होंने कहा,
"सत्य, प्रेम, आशा, शांति एवं एकता के लिये भूखे एवं प्यासे आज के विश्व में एक साथ मिलकर
सुसमाचार की उदघोषणा करना तथा अपने दैनिक जीवन में ख्रीस्त का संयुक्त साक्ष्य प्रदान
करना महत्वपूर्ण है।" सन्त पापा ने कहा, "हम जानते हैं कि एकता ईश्वर द्वारा दिया
एक वरदान है जिसके लिये हमें सतत् प्रार्थना करनी चाहिये किन्तु हमारा यह भी दायित्व
है कि हम अपने हृदयों में इस वरदान को ग्रहण करने के लिये उपयुक्त स्थिति और वातावरण
तैयार करें।" सन्त पापा ने आशा व्यक्त की कि रोमी काथलिक कलीसिया तथा कुस्तुनतुनिया
की ऑरथोडोक्स ख्रीस्तीय कलीसियाओं के बीच जारी संयुक्त वार्ताएँ ख्रीस्त द्वारा प्रकाशित
सत्य तक ले जाकर पूर्ण एकता का मार्ग प्रशस्त करेंगी।