2013-06-27 12:08:33

वाटिकन सिटीः पुरोहित पितृत्व की आध्यात्मिक कृपा को जियें, सन्त पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, 27 जून सन् 2013 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा है कि पुरोहितों के लिये यह अनिवार्य है कि वे उनके सिपुर्द किये गये लोगों की प्रेरितिक सेवा द्वारा "आध्यात्मिक पितृत्व" की विशिष्ट कृपा का पूर्ण अनुभव प्राप्त करें।
बुधवार को वाटिकन स्थित सन्त मर्था आवास के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग के अवसर पर प्रवचन करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने यह बात कही।
प्राचीन व्यवस्थान के उत्पत्ति ग्रन्थ में निहित वयोवृद्ध अब्राहम से की गई सन्तान प्राप्ति की प्रतिज्ञा के पाठ पर सन्त पापा चिन्तन प्रस्तुत कर रहे थे।
सन्त पापा ने कहा, "अब्राहम ने ईश आज्ञा का पालन करते हुए पशु बलि तैयार की थी तथा उसे पक्षियों से सुरक्षित रखने का प्रयास किया था।" उन्होंने कहा, "हाथ में छड़ी लिये 90 वर्षीय व्यक्ति द्वारा बलि की इस प्रकार देखरेख करना वास्तव में मर्मस्पर्शी दृश्य प्रस्तुत करता है तथा हमें उस पिता का दर्शन कराता है जो अपने परिवार एवं अपनी सन्तानों को सुरक्षित रखने का हर सम्भव प्रयास करता है।"
उन्होंने कहा, "ऐसा पिता जो सन्तानों की रक्षा का मर्म समझे। यह एक महान कृपा है जिसके लिये हम पुरोहितों को निरन्तर प्रार्थना करते रहना चाहिये।"
पितृत्व की कृपा का मर्म समझाते हुए सन्त पापा ने कहा कि इसका अर्थ है पिता होने के योग्य बनना। उन्होंने कहा कि प्रेरितिक पिता तथा आध्यात्मिक पिता होने की कृपा प्राप्त करने के लिये सतत प्रार्थना की ज़रूरत है।







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