नई दिल्ली: उत्तराखण्ड की बाढ़ में 556 के मरने की पुष्टि, हज़ारों लापता
नई दिल्ली, 22 जून सन् 2013 (रायटर): उत्तराखण्ड में बाढ़ एवं भूस्खलन से मची तबाही में
मरनवालों की संख्या नित्य बढ़ती जा रही है तथा लगभग 30 हज़ार लोग अभी भी आपदाग्रस्त क्षेत्रों
में फँसे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के अनुसार 30 से 32 हजार लोग
अभी भी आपदाग्रस्त क्षेत्रों में फंसे हैं, जबकि 73 हजार लोगों को निकाला जा चुका है।
बाढ़ से 1751 घर, 147 पुल और 137 सड़कों को नुकसान पहुंचा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री
विजय बहुगुणा ने त्रासदी में 556 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। मरनेवालों
की संख्या निश्चित्त नहीं हैं क्योंकि केवल उत्तरकाशी, गोविंदघाट, जोशीमठ और केदारनाथ
जैसे अपेक्षाकृत बड़े इलाकों में ही गिनती सम्भव हुई है जबकि छोटी जगहों में फंसे यात्रियों
की संख्या स्पष्ट नहीं है। इसके अतिरिक्त, अलकनंदा, मंदाकिनी और भागीरथी में जिन शवों
को बहते देखा गया है उनकी गिनती नहीं हुई है। हेलीकॉप्टरों की मदद से सेना राहत कार्य
में जुटी है। केदारनाथ और गौरीकुंड जैसे इलाके मलबे में दब गए हैं। श्रीनगर, चमोली, पिथौरागढ़
तथा उत्तरकाशी के गंगोत्री एवं यमुनोत्री में सैकड़ों मकान, दुकान और कई पुल ध्वस्त हो
गए हैं। कई दुर्गम इलाकों से अब तक संपर्क नहीं हो पाया इस बीच प्रदेश सरकार ने तीन
दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की है तथा प्रधान मंत्री मन मोहन सिंह ने प्रत्येक मृत
के परिजनों को क्षतिपूर्ति रूप में दो लाख रुपये देने की घोषणा की है।