वाटिकन सिटीः मध्यपूर्व में वार्ताओं एवं पुनर्मिलन की बहाली का सन्त पापा ने किया आह्वान
वाटिकन सिटी, 21 जून सन् 2013 (सेदोक): सिरिया के युद्ध को "महाविपत्ति" निरूपित कर सन्त
पापा फ्राँसिस ने कहा है कि मध्यपूर्व में तनावों को कम करने के लिये वार्ताओं एवं पुनर्मिलन
की बहाली अनिवार्य है। मध्य पूर्व में पूर्वी रीति की कलीसियाओं तथा काथलिक धर्मानुयायियों
को राहत एवं सहायता पहुँचानेवाले लगभग दो दर्ज़न काथलिक लोकोपकारी संगठनों के संघ "रोआको"
के वार्षिक सम्मेलन में भाग लेनेवाले विश्व प्रतिनिधियों ने गुरुवार को वाटिकन में सन्त
पापा का साक्षात्कार कर उनका सन्देश सुना। इस अवसर पर सन्त पापा ने सम्पूर्ण मध्यपूर्व
में व्याप्त तनाव और विशेष रूप से सिरिया में जारी युद्ध पर गहन चिन्ता व्यक्त की तथा
एक बार फिर वार्ताओं एवं समझौतों द्वारा संमस्याओं के समाधान का आह्वान किया। उन्होंने
कहा, "एक बार फिर अपने हृदय की अतल गहराई से, मैं देशों, अन्तरराष्ट्रीय संगठनों, प्रत्येक
धर्म के नेताओं और साथ ही सभी शुभचिन्तक लोगों से, उत्पीड़न, हिंसा तथा हर प्रकार के
धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने की अपील करता हूँ।" सन्त पापा
फ्राँसिस ने कहा, "मृत्यु को बोनेवाले संघर्ष के स्थान पर, जीवन को प्रस्फुटित करनेवाले
साक्षात्कार एवं मेलमिलाप की ज़रूरत है।" रोम में 18 से 20 जून तक जारी "रोआको" काथलिक
लोकोपकारी संगठनों के सम्मेलन में मिस्र, ईराक, सिरिया तथा पवित्र भूमि की स्थिति पर
विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया। सन्त पापा ने उदारता संगठनों से आग्रह किया कि मध्यपूर्व
और, विशेष रूप से, सिरिया के प्रताड़ित लोगों की पीड़ा को कम करने का वे हर सम्भव प्रयास
करें।