वाटिकन सिटीः "एवान्जेलियुम वीते दिवस" के लिये सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में
दो लाख श्रद्धालु हुए उपस्थित
वाटिकन सिटी, 17 जून सन् 2013 (सेदोक): काथलिक कलीसिया द्वारा घोषित विश्वास वर्ष के
उपलक्ष्य में मनाये गये "एवान्जेलियुम वीते दिवस" के लिये, रविवार को, सन्त पेत्रुस महागिरजाघर
के प्राँगण में लगभग दो लाख श्रद्धालु उपस्थित हुए। "एवान्जेलियुम वीते" अर्थात्
"जीवन का सुसमाचार" विश्व पत्र धन्य सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय द्वारा रचित एवं प्रकाशित
विश्व पत्र है। इसमें जीवन की पवित्रता पर बल दिया गया है। सन्त पापा फ्राँसिस ने
रविवार को खीस्तयाग प्रवचन इसी विश्व पत्र पर आधारित रखा तथा मृत्यु के परित्याग एवं
जीवन के चयन का भक्त समुदाय से आग्रह किया। उन्होंने कहा कि, "प्रायः लोग जीवन का
चयन नहीं करते, वे जीवन के सुसमाचार को स्वीकार नहीं करते अपितु उन विचारधाराओं को ख़ुद
पर हावी होने देते हैं जो जीवन को अवरुद्ध करती हैं, जो जीवन का सम्मान नहीं करती क्योंकि
वे प्रेम एवं जनकल्याण की भावना से नहीं अपितु स्वार्थ, स्वतः की अभिरुचि, लाभ, सत्ता
एवं भोग विलास के प्रति समर्पित रहती हैं।" सन्त पापा ने कहा कि लोग एक नवीन "बाबुल
की मीनार" का निर्माण करने का स्वप्न देखते हैं, ऐसे शहर का निर्माण जो ईश्वर रहित हो।
उनका विश्वास है कि ईश्वर का बहिष्कार, ख्रीस्त के सुसमाचार का बहिष्कार और जीवन के सुसमाचार
का बहिष्कार उन्हें किसी न किसी प्रकार स्वतंत्रता और मानव परिपूर्णता तक अग्रसर करेगा।
इसके परिणामस्वरूप," सन्त पापा ने कहा, "जीवन्त ईश्वर का स्थान, तनिक स्वतंत्रता का उन्माद
अर्पित करनेवाले, मानवीय बुत ले लेते हैं किन्तु अन्ततः नये प्रकार की दासता एवं मृत्यु
को जन्म देते हैं।" प्रवचन का समापन कर सन्त पापा ने सभी विश्वासियों का आह्वान किया
कि वे ईश्वर के प्रति अभिमुख होवें तथा स्वतंत्रता एवं जीवन पाने के लिये ईश्वर की संहिता
और उनके सुसमाचार का वरण करें।