नई दिल्लीः भारत में बाल मज़दूरी को समाप्त करने हेतु एकजुट हुए युवा
नई दिल्ली, 13 जून सन् 2013 (ऊका समाचार): बाल श्रम के विरुद्ध विश्व दिवस के उपलक्ष्य
में, 12 जून को, भारत के विभिन्न शहरों में रैलियों एवं शिविरों का आयोजन कर भारत से
बाल मज़दूरी को समाप्त किये जाने का आह्वान किया गया। नई दिल्ली के इन्डिया गेट पर
लगभग 50 बच्चों ने विशाल पोस्टरों एवं नारे लगाकर प्रदर्शन किया। 17 वर्षीय आंजलि
ने कहा, "हम बाल मज़दूरी के विरुद्ध अपनी आवाज़ बुलन्द करने आये हैं जो भारत में एक आम
दृश्य है।" उन्होंने कहा कि लोगों को ख़ुद विचार करना होगा तथा कोई कदम उठाना होगा क्योंकि
अधिकांश लोग अपने घरों में बच्चों को नौकरी पर लगाते हैं। इन्डिया गेट पर सम्पन्न
प्रदर्शन भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के श्रम आयोग की पहल पर आयोजित किया गया
था। धर्माध्यक्षीय श्रम आयोग के सचिव फादर राजन पुन्नाकल ने कहा, "शिक्षा बच्चों
का प्राथमिक अधिकार है।" उन्होंने कहा, "बच्चों को शिक्षा प्रदान कर हम समाज की बहुत
सी बुराईयों को नष्ट कर सकते हैं क्योंकि अधिकांश अपराधी एवं दुर्व्यवहार के शिकार बच्चे
समाज के अशिक्षित वर्ग से आते हैं।" भारत में कम से कम पचास लाख बच्चे बाल मज़दूरी
में संलग्न हैं जो दिल्ली, मुम्बई तथा अन्य महानगरों एवं शहरों में घरेलु नौकर हैं अथवा
फेक्टरियों, होटलों एवं सड़कों की दूकानों में मज़दूरी करते हैं।