2013-06-12 11:48:35

वाटिकन सिटीः सन्त पापा प्राँसिस ने नेत्रहीन लोगों की समाज में भागीदारी को दिया प्रोत्साहन


वाटिकन सिटी, 12 जून सन् 2013 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने नेत्रहीन एवं अन्धेपन के शिकार लोगों को समाज में भागीदार बनाने का आग्रह किया है।
अपने ग्रीष्मकालीन कार्यक्रम के लिये इटली के तिर्रेनिया में एकत्र "अन्धेपन के शिकार तथा नेत्रहीन लोगों के इताली संगठन" के 75 प्रतिनिधियों को, मंगलवार को, प्रेषित एक ऑडियो सन्देश में सन्त पापा फ्राँसिस ने कहाः "मैं जानता हूँ कि आप रोम आना चाहते थे किन्तु आधुनिक तकनीकी ने यह सुविधा प्रदान कर दी है कि मैं आप तक पहुँच सकूँ, मेरे प्रति आपके स्नेह और, विशेष रूप से, आपकी प्रार्थना के लिये धन्यवाद।"
सन्त पापा ने स्मरण दिलाया कि प्रभु येसु ख्रीस्त को नेत्रहीन एवं दृष्टिदोष से जन्में लोगों के प्रति विशेष चिन्ता थी। अन्य रोगों से ग्रस्त लोगों को चंगा करने के अलावा उन्होंने नेत्रहीनों को भी दृष्टिदान दिया। उन्होंने कहा, "नेत्रहीन को दृष्टिदान देने का विशेष प्रतीकात्मक अर्थ हैः यह विश्वास के वरदान का प्रतीक है। यह एक ऐसा प्रतीक है जो हम सबका स्पर्श करता है क्योंकि हम सबको जीवन की राह पर चलने के लिये विश्वास के आलोक की नितान्त आवश्यकता है।"
सन्त पापा ने कहा कि इसीलिये प्राचीनकाल में ख्रीस्तीय धर्म के पहले संस्कार अर्थात् बपतिस्मा को "प्रदीपन" कहा जाता था।
सभी नेत्रहीनों पर प्रभु की अनुकम्पा का आह्वान कर सन्त पापा ने कहा, "मैं प्रभु से याचना करता हूँ वे आप सबमें विश्वास के वरदान को नवीकृत करें ताकि आपके हृदय सदैव ईश्वरीय ज्योति से आलोकित रहें, उस ज्योति से जो हमारे जीवन को अर्थ प्रदान करती, उसे आलोकित करती, उसमें आशा का संचार करती तथा हमें अपने भाइयों एवं बहनों के कल्याण हेतु कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती है।
नेत्रहीन लोगों की सेवा में संलग्न इताली संगठन के प्रति मंगलकामनाएं अर्पित कर सन्त पापा ने उन्हें साक्षात्कार, एकात्मता तथा आतिथेय की संस्कृति के प्रचार का सन्देश दिया।









All the contents on this site are copyrighted ©.