वाटिकन सिटीः सन्त पापा ने की इटली के राष्ट्रपति से मुलाकात, धार्मिक स्वतंत्रता
की सुरक्षा का किया आह्वान
वाटिकन सिटीः सन्त पापा ने की इटली के राष्ट्रपति से मुलाकात, धार्मिक स्वतंत्रता
की सुरक्षा का किया आह्वान वाटिकन सिटी, 08 जून सन् 2013 (सेदोक): इटली के राष्ट्रपति
जोर्जो नापोलीतानो ने, शनिवार को वाटिकन में, सन्त पापा फ्राँसिस के साथ आधिकारिक मुलाकात
की। अपने द्वितीय कार्यकाल के उपरान्त काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष के साथ राष्ट्रपति
नापोलीतानो की यह पहली आधिकारिक मुलाकात थी। इससे पूर्व, सन्त पापा फ्राँसिस की परमाध्यक्षीय
नियुक्ति के उपरान्त, 19 मार्च को राष्ट्रपति नापोलीतानो ने उनका साक्षात्कार किया था।
शनिवार की मुलाकात के अवसर पर सन्त पापा फ्राँसिस ने इटली तथा परमधर्मपीठ के बीच
विद्यमान दीर्घकालीन सम्बन्धों का स्मरण दिलाया जो सन् 1929 ई. में सम्पन्न लातेरान संधि
और बाद में, द्वितीय वाटिकन महासभा एवं उक्त संधि के पुनरावलोकन से सुदृढ़ हुए हैं। सम्राट
कॉन्सटेनटाईन द्वारा सन् 313 ई. में जारी मिलान आदेशपत्र के सन्दर्भ में सन्त पापा ने
कहा कि इस वर्ष "एदितो दी मिलानो" की 17 वीं शताब्दी मनाई जा रही है जो हम सबको धार्मिक
स्वतंत्रता हेतु अपने प्रयासों को सुदृढ़ करने का स्मरण दिलाती है। सन्त पापा ने कहा
कि आज विश्व के अनेक क्षेत्रों में धार्मिक स्वतंत्रता ख़तरे में पड़ी है जबकि धार्मिक
स्वतंत्रता मानव का मूलभूत अधिकार है। धार्मिक स्वतंत्रता की सुरक्षा उन्होंने सभी का
दायित्व निरूपित किया और कहा है कि, "धार्मिक स्वतंत्रता मनुष्य की वह नैतिक सम्पत्ति
है जो सम्पूर्ण मानव जाति के विकास की गारंटी प्रदान करती है।" वर्तमान विश्व के आर्थिक
संकट के सन्दर्भ में सन्त पापा ने कहा कि आर्थिक मन्दी की मार सबसे अधिक समाज के कमज़ोर
वर्ग को भुगतनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि इसके कारण परिवार एवं सामाजिक रिश्ते कमज़ोर
हो गये हैं, श्रम के बजाय लाभ की तर्कणा मज़बूत हुई है तथा युवाओं के प्रशिक्षण एवं उनके
भविष्य पर बहुत कम ध्यान दिया गया है। इस सन्दर्भ में, सन्त पापा ने प्रजातांत्रिक संरचनाओं
को सुदृढ़ किया जाना आवश्यक बताया ताकि सभी गतिविधियों एवं पहलों की केन्द्र मानव और
उसकी प्रतिष्ठा हो। इटली द्वारा इस दिशा में दिये योगदान की सन्त पापा ने प्रशंसा
की तथा ख्रीस्तीय धर्म सन्तों जैसे सन्त फ्राँसिस तथा सियेना की काथरीन के आदर्शों पर
चल, लोगों के परिवार में, प्रेम, न्याय और शांति को प्रोत्साहन देने का परामर्श दिया।