2013-06-04 12:10:13

वाटिकन सिटीः भ्रष्ट ख्रीस्तीयों के विरुद्ध सन्त पापा ने किया सचेत


वाटिकन सिटी, 04 जून सन् 2013 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने भ्रष्ट ख्रीस्तीयों के प्रति सचेत कराते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार में लिप्त ख्रीस्तीय सिर्फ अपने बारे में सोचते तथा इस भ्रम में पड़े रहते हैं कि उन्हें ईश्वर की भी ज़रूरत नहीं।
वाटिकन स्थित सन्त मर्था आवास के प्रार्थनालय में सोमवार को ख्रीस्तयाग के समय प्रवचन करते हुए सन्त पापा ने कहा कि भ्रष्ट लोग "सामान्य पापी" नहीं हैं बल्कि वे इससे भी एक कदम आगे हैं और स्वतः को ईश्वर के प्रेम से अलग कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त लोग इस भ्रम में पड़े रहते हैं कि उन्हें ईश्वर की भी ज़रूरत नहीं, वे केवल अपने आप से या अपने दल से प्यार करते हैं तथा ऐसा कर कलीसिया को हानि पहुँचाते हैं।
सन्त मत्ती रचित सुसमाचार में निहित हिंसक असामियों के दृष्टान्त पर चिन्तन कर सन्त पापा ने कहा, "कलीसिया में तीन तरह के ख्रीस्तीय होते हैं: पापी, भ्रष्ट एवं सन्त। पापियों के विषय में अधिक बोलने की आवश्यकता नहीं क्योंकि हम सब पापी हैं और यदि कोई सोचता है कि वह पाप नहीं करता तो वह भ्रम में पड़ा है और उसे आध्यात्मिक मार्गदर्शन की आवश्यकता है।" हिंसक असामियों के सन्दर्भ में सन्त पापा ने कहा, "उन्होंने दाखबारी पर मालिकाना हक जताना चाहा क्योंकि अपने मालिक के साथ उन्होंने सम्बन्ध तोड़ लिये थे। उन्होंने अपने आप को इतना शक्तिशाली समझा कि जिन प्रभु ने उन्हें प्रेमपूर्वक बुलाया था, जिन्होंने सुरक्षा और स्वतंत्रता प्रदान की थी उन्हीं के विरुद्ध वे खड़े हो गये थे।"
सन्त पापा ने कहा कि जो लोग ईश्वर से सम्बन्ध तोड़ लेते तथा अहंकारवश अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हैं वे भ्रष्ट हैं तथा कलीसिया के लिये महान क्षति हैं क्योंकि वे अन्यों का भला नहीं केवल अपना भला सोचते हैं।
सन्त पापा ने कहा कि सन्त वे लोग हैं जो दाखबारी में अपना हिस्सा लेने पहुँचते हैं। उन्होंने कहा कि वे जानते थे कि उन्हें अवरोधों एवं ख़तरों का सामना करना पड़ेगा तथापि अपने कर्त्तव्यों का निर्वाह करते हुए वे दाखबारी पहुँचते हैं। सन्त लोग ईश्वर के आदेशों के प्रति आज्ञाकारी रहते तथा अन्यों की भलाई के लिये तत्पर रहा करते हैं। सन्त पापा ने सभी से प्रार्थना का निवेदन किया ताकि ख्रीस्तीय धर्मानुयायी अपनी बुलाहट को पहचानें तथा पवित्रता में अग्रसर होने की कृपा प्राप्त करें।








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