ताशकंतः बाईबिल की प्रतियाँ तथा अन्य धार्मिक सामग्री रखने के लिये उज़बेक ख्रीस्तीय
दण्डित
ताशकंत, 27 मई सन् 2013 (एशियान्यूज़): उज़बेकिस्तान के अधिकारियों ने उरगेन्च में एक
प्रॉटेस्टेन्ट ख्रीस्तीय महिला को, धार्मिक सामग्री के आयात एवं वितरण, भण्डारण तथा उत्पादन
के के लिये 18 माहों की सज़ा सुनाई तथा श्रम शिविर में भेज दिया। एशियान्यूज़ के
अनुसार न्यायधीश मखमूद मखमुदोव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ख्रीस्तीय महिला को 18 माहों
तक राज्य के लिये निम्नतम काम करने होंगे तथा उसके वेतन का अधिकांश भाग दण्ड भुगतान के
लिये जायेगा। इसके अतिरिक्त, आगामी माहों में महिला उज़बेकिस्तान से बाहर नहीं जा सकेगी।
एक अन्य घटना में राजधानी ताशकंत में प्रार्थना के लिये एकत्र लोगों पर भारी अर्थदण्ड
लगाया गया तथा उनसे बाइबिल की प्रतियाँ जब्त कर ली गई। स्थानीय सूत्रों के अनुसार
शारोफात लामोवा नामक प्रॉटेस्टेन्ट ख्रीस्तीय महिला के विरुद्ध मिथ्या प्रमाण एकत्र किये
गये तथा उन्हें जान बूझकर गुप्त पुलिस द्वारा फँसाया गया। ग़ौरतलब है कि उज़बेकिस्तान
में धार्मिक सामग्री अथवा धार्मिक साहित्य पर सरकार का कड़ा नियंत्रण है जिसकी निगरानी
धार्मिक मामलों सम्बन्धी एक विशिष्ट समिति करती है जो प्रायः ख्रीस्तीय अल्पसंख्यकों
को अपना निशाना बनाती है। उज़बेकिस्तान में 88 प्रतिशत जनता सुन्नी मुसलमान है जबकि
ख्रीस्तीय धर्मानुयायी कुल आबादी का केवल आठ प्रतिशत हैं। धार्मिक स्वतंत्रता पर अमरीकी
आयोग की वार्षिक रिपोर्ट में 30 अप्रैल को उज़बेकिस्तान को विश्व के उन 15 देशों में
गिनाया गया था जहाँ नागरिकों की धार्मिक स्वतंत्रता का अतिक्रमण किया जाता है।