वाटिकन सिटीः सन्त पापा फ्राँसिस "चेन्तेसिमुस आन्नुस" न्यास के सदस्यों से "बेरोज़गारी
निर्धनता का बदतरीन रूप"
वाटिकन सिटी, 25 मई सन् 2013 (सेदोक): वाटिकन में शनिवार को "चेन्तेसिमुस आन्नुस" न्यास
के सदस्यों को सम्बोधित कर सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि बेरोज़गारी निर्धनता का बदतरीन
रूप है। उन्होंने कहा, "बेरोज़गारी अथवा रोज़गार का गुम होना ऐसा तथ्य है जो चिन्ताजनक
रूप से सम्पूर्ण पश्चिमी जगत में विस्तृत हो रहा है।" उन्होंने कहा, "इससे बदत्तर कोई
अन्य भौतिक निर्धनता नहीं हो सकती जो व्यक्ति से उसकी रोज़ी रोटी कमाने का अधिकार तथा
रोज़गार की प्रतिष्ठा छीन लेती है।" "चेन्तेसिमुस आन्नुस" न्यास की स्थापना 20 वर्षों
पूर्व धन्य सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय द्वारा की गई थी तथा इसे उनके विश्व पत्र "चेन्तेसिमुस
आन्नुस" का नाम दिया गया था। सन्त पापा लियो 13 वें के विश्व पत्र रेरुम नोवारुम की शताब्दी
के उपलक्ष्य में धन्य सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय ने इस विश्व पत्र की प्रकाशना की थी।
इसमें अर्थव्यवस्था एवं श्रम की महत्ता पर काथलिक कलीसिया की धर्मशिक्षा प्रस्तुत की
गई है। उक्त न्यास के सदस्य इन दिनों रोम में एक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन के लिये
एकत्र हुए थे। सम्मेलन का शीर्षक थाः "रोज़गार के प्रति एकात्मता पर पुनर्चिन्तनः 21
वीं शताब्दी की चुनौतियाँ"। इस सन्दर्भ में सन्त पापा ने कहा कि पुनर्चिन्तन का
अर्थ है विश्व के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के परिप्रेक्ष्य में कलीसियाई शिक्षा को समझना
तथा एकात्मता के भाव में वर्तमान जगत द्वारा प्रस्तुत चुनौतियों एवं समस्याओं का समाधान
ढूँढ़ना। प्रभु येसु मसीह के सुसमाचर से दिशानिर्देशन पाने का आग्रह कर सन्त पापा
ने न्यास के सदस्यों से कहा कि धनी एवं निर्धन के बीच नित्य गहराती खाई को पाटने का वे
प्रयास करें क्योंकि एक ओर संसाधनों की अति तथा दूसरी ओर निपट निर्धनता एवं बेरोज़गारी
से स्पष्ट है कि सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।