रोमः आप्रवास को बाध्य लोगों तक पहुँचने की चुनौतियों पर परमधर्मपीठीय समिति में विचार
विमर्श
रोम, 22 मई सन् 2013 (सेदोक): विश्वव्यापी स्तर पर बढ़ते आप्रवास जनित समस्याओं तथा आप्रवास
को बाध्य लोगों तक पहुँचने की चुनौतियों पर इन दिनों रोम में शरणार्थियों एवं आप्रवासियों
के लिये गठित परमधर्मपीठीय समिति की पूर्ण कालिक सभा जारी है। समिति के सचिव धर्माध्यक्ष
जोसफ कालाथीपरमपिल ने वाटिकन रेडियो से बातचीत में बताया कि बुधवार से आगामी तीन दिनों
तक जारी रहनेवाली पूर्णकालिक सभा में आप्रवास के लिये बाध्य लोगों के प्रति कलीसिया की
एकात्मता विषय पर चिन्तन किया जायेगा। धर्माध्यक्ष कालाथिपरमपिल ने कहा कि बलात विस्थापन
एवं आप्रवास वर्तमान विश्व की एक गम्भीर समस्या है जो सिरिया में जारी युद्ध के कारण
विकराल रूप ले रही है। उन्होंने कहा, "इस युद्ध से पीड़ित लोगों की सेवा करना हमारा धर्म
है।" मेज़बान देशों में शरणार्थियों के प्रति बढ़ती असहिष्णुता के बारे में उन्होंने
कहा कि जब अधिकाधिक लोग अपने देश का पलायन कर दूसरे देश में शरण मांगने जाते हैं तब दुभाग्यवश
असहिष्णुता की घटनाएँ देखी जाती हैं। उन्होंने कहा, "मेज़बान देशों में अजनबियों के प्रति
भय एवं उत्कंठा तो होती ही है किन्तु इस प्रकार के भय को दूर करने हेतु हमें प्रयास करने
चाहिये।" धर्माध्यक्ष कालाथिपरमपिल ने कहा कि काथलिक कलीसिया आप्रवासियों एवं शरणार्थियों
की सहायता के लिये हर सम्भव प्रयास कर रही है किन्तु इसके लिये उसे नागर समाज एवं लोगों
के समर्थन की भी आवश्यकता है।