2013-05-21 12:24:35

वाटिकन सिटीः "इडिक्ट ऑफ मिलान" की वर्षगाँठ पर आयोजित बैठक को सन्त पापा का सन्देश


वाटिकन सिटी, 21 मई सन् 2013 (सेदोक): "इडिक्ट ऑफ मिलान" की वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में तुर्की के इस्तामबुल शहर में आयोजित ऑरथोडोक्स ख्रीस्तीय धर्माधिकारियों एवं यूरोपीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों की समिति के धर्माध्यक्षों की बैठक को सन्त पापा फ्राँसिस ने एक सन्देश प्रेषित कर हार्दिक शुभकामनाएँ अर्पित कीं।
"इडिक्ट ऑफ मिलान" की 1,700 वीं वर्षगाँठ मनाने हेतु ऑरथोडोक्स ख्रीस्तीय एवं काथलिक कलीसिया के धर्माधिकारी 17 तथा 18 मई को इस्तामबुल में विचार विमर्श हेतु एकत्र हुए थे। रोमियों द्वारा लगभग 300 वर्षों तक चले ख्रीस्तीय उत्पीड़न के बाद, 1700 वर्ष पूर्व सम्राट कॉन्सटेनटाईन ने एक आज्ञप्ति जारी कर सम्पूर्ण रोमी साम्राज्य में ख्रीस्तीयों को धर्मपालन की स्वतंत्रता प्रदान की थी। सम्राट की इसी आज्ञप्ति को "इडिक्ट ऑफ मिलान" कहा जाता है।
वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल तारचिसियो बेरतोने ने सन्त पापा फ्राँसिस की ओर से उक्त बैठक को प्रेषित सन्देश में लिखाः "सन्त पापा फ्राँसिस उस दिन की आतुरता से प्रतीक्षा कर रहे हैं जब द्वितीय सहस्राब्दि का विभाजन निश्चित्त रूप से अतीत की एक घटना रह जायेगी।"
ऑर्थोडोक्स एवं काथलिक धर्माधिकारियों के बीच सम्पन्न बैठक में विभिन्न धार्मिक परिप्रेक्ष्यों से, सम्राट कॉनसटेनटाईन की आज्ञप्ति के दूरगामी परिणामों पर चिन्तन किया गया।
सन्देश में कहा गया कि सन्त पापा फ्राँसिस, "कॉन्सटेनटाईन की ऐतिहासिक आज्ञप्ति के प्रकाश में सम्पूर्ण विश्व के नागर अधिकारियों का आह्वान करते हैं कि स्वतंत्र रूप से धर्म पालन एवं धार्मिक भावनाओं की अभिव्यक्ति हेतु विश्वासियों के अधिकारों का, वे, सम्मान करें। साथ ही यूरोपीय नागरिकों का आह्वान करते हैं कि वे उनकी संस्कृति के निर्माण में ख्रीस्तीय धर्म की भूमिका को स्वीकार करें।"








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