वाटिकन सिटीः नैतिक मूल्यों में आये ह्रास पर सन्त पापा की चिन्ता
वाटिकन सिटी, 20 मई सन् 2013 (सेदोक): रोम में, इटली तथा विश्व के विभिन्न देशों से एकत्र
कलीसियाई अभियानों एवं कलीसियाई समुदायों के लगभग दो लाख प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर
सन्त पापा फ्राँसिस ने नैतिक मूल्यों में आये ह्रास पर गहन चिन्ता व्यक्त की। शनिवार
को पेन्तेकॉस्त महापर्व से पूर्व सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्र भक्त
समुदाय के लिये सन्त पापा ने प्रार्थना जागरण का नेतृत्व किया। इस अवसर पर कई लोगों ने
साक्ष्य दिया तथा अपने जीवन में ईश्वरीय कृपा के अनुभव को अन्यों में बाँटा। नैतिक
मूल्यों को सुदृढ़ किये जाने का आव्हान कर सन्त पापा ने कहा कि पूरा ध्यान केवल धन अर्जन
एवं लाभ पर केन्द्रित करने के कारण लोग स्वार्थी हो गये हैं और इसीलिये वर्तमानकालीन
वित्तीय संकट केवल आर्थिक संकट नहीं है अपितु मूल्यों का संकट है। उन्होंने कहा,
"आज यह हो रहा, यदि बैंकों में निवेष विफल होता है तो वह बड़ी त्रासदी कहलाती है और लोग
चिन्ता करने लग जाते हैं कि आगे क्या होगा? किन्तु जब लोग भूख के कारण मरते हैं, जब बच्चे
भूख से पीड़ित होते हैं या ख़राब स्वास्थ्य के कारण पीड़ित रहते हैं तो वह कोई मुद्दा
नहीं होता। यही है आज का संकट। ऐसी कलीसिया जो ख़ुद अकिंचन है और दरिद्रों की सेवा को
समर्पित है उसे इस प्रकार की मानसिकता के विरुद्ध संघर्ष करना चाहिये।" इस अवसर पर
सन्त पापा ने काथलिक कलीसिया की यथार्थ भूमिका को भी स्पष्ट किया और कहा कि कलीसिया कोई
ग़ैरसरकारी संगठन नहीं है बल्कि वह येसु ख्रीस्त के सुसमाचार की साक्षी बनने के लिये
बुलाई गई है। शनिवार के प्रार्थना जागरण में पाकिस्तान के पूर्व अल्पसंख्यक मामलों
के मंत्री पौल भट्टी ने भी साक्ष्य दिया। पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों एवं विशेष रूप से
ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों की आशाओं, आकाँक्षाओं एवं उत्कंठाओं को कलीसिया के समक्ष रखने
का मौका प्रदान करने के लिये उन्होंने सन्त पापा फ्राँसिस के प्रति आभार व्यक्त किया।
पाकिस्तान के ईश निन्दा कानून का स्मरण दिलाकर उन्होंने विश्व का ध्यान इस बात के
प्रति आकर्षित कराया कि अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करने के लिये इस कानून का दुरुपयोग
किया जाता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का ख्रीस्तीय समुदाय एक शांति प्रिय समुदाय
है तथा वह अपने मुसलमान भाइयों को साथ मिलकर शांति में जीवन यापन करना चाहता है। श्री
पौल भट्टी ने अपने भाई शाहबाज़ भट्टी को याद किया जिनकी हत्या, दो मार्च सन् 2011 को,
इस्लामी चरमपंथियों द्वारा कर दी गई थी। उन्होंने शाहबाज़ भट्टी के समर्पण तथा निर्धनों
के लिये न्याय हेतु बुलन्द उनकी आवाज़ को याद किया और कहा कि समाज के दुर्बल लोग प्रभु
येसु के प्रताड़ित शरीर का अंग हैं। सन्त पापा को उन्होंने बताया कि शाहबाज़ भट्टी एक
ऐसे पाकिस्तान की कामना करते रहे थे जहाँ सभी स्वतंत्रता में जीवन यापन कर सकें तथा जहाँ
सभी धर्मों एवं समुदायों का सम्मान किया जाये।