वाटिकन सिटी, शनिवार 18 मई 2013 (वीआर): संत पापा फ्राँसिस ने 17 मई शुक्रवार को दोमुस
संता मार्था में वाटिकन रेडियो के कर्मचारियों के लिए पवित्र यूखरिस्त बलिदान चढ़ाया।
पवित्र मिस्सा के दौरान उन्होंने अपने उपदेश में सुसमाचार की व्याख्या करते हुए
कहा, "संत पेत्रुस पापी था बेईमान नहीं।
उन्होंने कहा कि पेत्रुस ने येसु को ख्रीस्त
रुप में पहचान लिया था फिर भी क्रूस के रास्ते को अस्वीकार किया। तब येसु ने उनसे कहा
था, "हट जाओ शैतान," पीटर ने येसु के इस तिरस्कार को नम्रतापूर्वक स्वीकार किया।
संत
पापा ने कहा, "पीटर बहुधा अपने आपको एक अच्छा आदमी मानता था। गेथसेमनी बारी में येसु
को बचाने के लिए उग्र होकर तलवार भी उठा लिया था किन्तु खुद बाद में येसु को तीन बार
अस्वीकार किया।
संत पापा ने कहा कि अस्वीकार के बावजूद येसु ने पेत्रुस को प्रेम
भरी नज़रों से देखा तब वह फूट -फूट कर रोया। येसु ने इन सभी मुलाकातों के द्वारा पेत्रुस
के हृदय और आत्मा को प्रौढ़ बनाया, ताकि वह प्रेम में परिपक्व बने और उसका साक्ष्य दे।
संत पापा ने अपने बातों को स्पष्ट करते हुए कहा, पापी होना समस्या नहीं है, समस्या
है उन पापों के लिए पश्चताप करना। अपनी करनी के लिए के लिए शर्मिंदगी महसूस करना भी आसान
नहीं है।
"पीटर निश्चय ही एक पापी था, पर बेईमान नहीं। पापी सभी हैं पर सभी
बेईमान नहीं। संत पापा ने कहा, "मुलाक़ातों द्वारा हमारी कमज़ोरियों और पापों के बावजूद
येसु हमें परिपक्व बनाते हैं।"
संत पापा ने अपने बातों पर बल देते हु कहा,
"पीटर महान हैं इसलिए नहीं कि वे एक अच्छे आदमी थे किन्तु अपने हृदय की विनम्रता के कारण,
जिसने उन्हें आँसु बहाने, दुखित होने और पश्चात्ताप करने को प्रेरित किया और येसु के
रेवड़ की देखभाल करने की शक्ति प्रदान की।
संत पापा ने उपदेश के अंत में ईश्वर
से प्रार्थना की कि सब ख्रीस्तीय संत पेत्रुस के पदचिन्हों पर चलकर येसु से मिलते रहें।