वाटिकन सिटीः लाभ से अधिक मूल्य महत्वपूर्ण कहना कार्डिनल टर्कसन का
वाटिकन सिटी, 14 मई सन् 2013 (सेदोक): वाटिकन में सोमवार को "बैंकिंग ऑन द कॉमन गुड"
यानि जनकल्याण के लिये बैंकिग शीर्षक के अन्तर्गत एक अन्तरराष्ट्रीय विचार गोष्ठी सम्पन्न
हुई। विश्व के वित्तीय एवं आर्थिक निकाय में नैतिक मूल्यों को किस प्रकार शामिल किया
जाये इसी पर विचार गोष्ठी में विशद चिन्तन किया गया। इसमें इस बात के प्रति सचेत कराया
गया कि केवल लाभार्जन पर ध्यान केन्द्रित न किया जाये बल्कि मानवीय मूल्यों को ध्यान
में रखकर वित्तीय लेन देन की जाये। वाटिकन स्थित परमधर्मपीठीय न्याय एवं शांति समिति
के तत्वाधान में आयोजित उक्त विचारगोष्ठी के प्रतिभागियों को सम्बोधित कर समिति के अध्यक्ष
कार्डिनल पीटर टर्कसन ने कहा कि विगत पाँच वर्षों की वैश्विक आर्थिक मन्दी से स्पष्ट
है कि जनता बैंकों एवं वित्तीय संस्थाओं में अपना विश्वास खो चुकी है जिसे वापस लाना
अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि लोगों के विश्वास को लौटाने के लिये बैंकों एवं वित्तीय
संस्थाओं को जनकल्याण पर ध्यान केन्द्रित करना होगा और साथ ही इस लक्ष्य की प्राप्ति
हेतु सुचारू प्रशासन की व्यवस्था करनी होगी। कार्डिनल महोदय ने इस तथ्य पर ध्यान
आकर्षित कराया कि विश्व के आर्थिक निकाय का तेज़ी से वैश्वीकरण तो हुआ किन्तु साथ ही
इस विश्वव्यापी तथ्य की निगरानी हेतु उपयुक्त राजनैतिक संरचनाओं की कमी रही। उन्होंने
कहा कि बैंकिंग अथवा किसी भी वित्तीय क्षेत्र का लक्ष्य केवल लाभ अर्जित करना नहीं होना
चाहिये बल्कि जनकल्याण को ध्यान में रखते हुए इस गतिविधि में नैतिक मूल्यों को नज़र अन्दाज़
नहीं किया जाना चाहिये।