वाटिकन सिटीः सन्त पापा फ्राँसिस ने एलेक्ज़ेनड्रिया के प्राधिधर्माध्यक्ष तावाद्रोस
द्वितीय से की मुलाकात, पौल षष्टम एवं शिनोडा तृतीय की मुलाकात किया याद
वाटिकन सिटी, 10 मई सन् 2013 (सेदोक): वाटिकन में शुक्रवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने
एलेक्ज़ेड्रिया के प्राधिधर्माध्यक्ष तावाद्रोस द्वितीय एवं उनके साथ पधारे सन्त मारकुस
पीठ के प्रतिधिनिधिमण्डल का हार्दिक स्वागत किया। इस अवसर पर सन्त पापा ने 40 वर्षों
पूर्व सन्त पापा पौल षष्टम तथा कॉप्टिक ऑरथोडोक्स कलीसिया के धर्माधिपति स्व. पोप शिनोडा
तृतीय के बीच, शताब्दियों के अविश्वास के उपरान्त, सम्पन्न ऐतिहासिक मुलाकात का स्मरण
दिलाया। सन्त पापा ने कहा, "चालीस वर्षों पूर्व हमारे पूर्वाधिकारियों की सामान्य
घोषणा ख्रीस्तीय एकता की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध हुई जिससे कलीसियाओं के बीच सम्वाद
हेतु एक ईशशास्त्रीय आयोग का गठन किया जा सका।" उन्होंने कहा कि इस आयोग के प्रयासों
ने सकारात्मक फल उत्पन्न किये हैं तथा काथलिक कलीसिया एवं पूर्वी रीति की ऑरथोडोक्स कलीसियाओं
के बीच वार्ताओं का सिलसिला आरम्भ किया है। सन्त पापा ने याद किया कि उस सामान्य
घोषणा में हमारी कलीसियाओं ने प्रेरितों की परम्पराओं को बरकरार रखते हुए इस बात को स्वीकार
किया कि वे "त्रियेक ईश्वर में तथा ईश्वर के इकलौते पुत्र... एवं उनकी पूर्ण ईश्वरीय
एवं पूर्ण मानवीय प्रकृति" में विश्वास करते हैं। यह स्वीकार करते हैं कि हम सबको ईश्वरीय
जीवन प्रदान किया गया है जो सात संस्कारों द्वारा पोषित होता है। मां मरियम की भक्ति
पर भी दोनों कलीसियाओं के बीच विद्यमान सामान्यता को उन्होंने स्वीकार किया था। सन्त
पापा फ्राँसिस ने कहा कि हमारे पूर्वाधिकारियों की सामान्य घोषणा की पुनर्पुष्टि करते
आज हम यह घोषित करते प्रसन्न हैं कि बपतिस्मा संस्कार में हम सब ख्रीस्तानुयायी एक हैं।