कर्नाटकः चुनाव परिणामों से स्पष्ट है कि घृणा के आधार पर न्याय एवं स्वतंत्रता को पराजित
नहीं किया जा सकता
कर्नाटक, 10 मई सनव् 2013 (एशियान्यूज़): कर्नाटक राज्य के चुनावों में हिन्दु चरमपंथियों
को समर्थन देनेवाली भारतीय जनता पार्टी की हार तथा काँग्रेस की विजय दर्शाती है कि लोग
हिन्दु चरमपंथ से थक चुके हैं। काँग्रेस की विजय पर टीका करते हुए भारतीय ख्रीस्तीयों
की विश्वव्यापी समिति "ग्लोबल काऊन्सल ऑफ इन्डियन क्रिस्टियन्स" के अध्यक्ष साजन के.
जॉर्ज ने कहा, "कर्नाटक के लोगों ने स्पष्ट दर्शा दिया है कि भारतीय संविधान में निहित
न्याय, स्वतंत्रता, समानता एवं भ्रातृत्व के मूलभूत सिद्धान्तों को चरमपंथी विचारधारा
की बलि नहीं चढ़ाया जा सकता।" नौ वर्षों तक कर्नाटक में शासन करनेवाली भारतीय जनता
पार्टी को हाल के चुनावों में हार का सामना करना पड़ा। श्री जॉर्ज ने कहा, "दुर्बल
लोगों की निराशाजनक पुकार ने चरमपंथी शक्तियों एवं कर्नाटक के अति-राष्ट्रीयवादियों को
पराजित कर नैतिक एवं सामाजिक भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक निर्णायक फैसला दिया है।" श्री
जॉर्ज ने स्मरण दिलाया कि भारतीय जनता पार्टी के शासन काल में, कर्नाटक में, क्रमबद्ध
ढंग से धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जाता रहा था। 2012 में 41 ख्रीस्तीय विरोधी
आक्रमण हुए थे तथा इस वर्ष के आरम्भ से अब तक सात बार ख्रीस्तीयों पर हिंसक हमले हो चुके
हैं।