मुम्बईः धार्मिक स्वतंत्रता की अनुपस्थिति में भारत का विकास सम्भव नहीं, कार्डिनल ग्रेशियस
मुम्बई, 07 मई सन् 2013 (एशियान्यूज़): मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेशियस
ने चेतावनी दी है कि धार्मिक स्वतंत्रता की अनुपस्थिति में भारत का विकास सम्भव नहीं।
अन्तरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता सम्बन्धी अमरीकी आयोग की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया
दर्शाते हुए कार्डिनल ग्रेशियस ने कहा कि धार्मिक विश्वास के आधार पर भेदभाव अन्ततः समाज
को कमज़ोर बना देगा तथा भारत के विकास की गति को रोके देगा। अमरीकी आयोग की रिपोर्ट
ने भारत को उन देशों के साथ रखा है जहाँ नागरिकों के धर्मपालन की स्वतंत्रता कुण्ठित
की जाती है। इन देशों की सूची में भारत सहित अज़रबैयजान, क्यूबा, इण्डोनेशिया, कज़ाकस्तान,
लाओस तथा रूस को रखा गया है। एशिया न्यूज़ से कार्डिनल ग्रेशियस ने कहा कि अमरीकी
आयोग की रिपोर्ट चिन्ताजनक है। उन्होंने कहा, "हमें उपाय करने होंगे कि किसी भी नागरिक
के मूलभूत अधिकारों का अतिक्रमण न हो। अल्पसंख्यकों को धर्मपालन एवं धर्मप्रचार का पूर्ण
अधिकार मिले।" उन्होंने आगे लिखा, "धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी हमारे संविधान में दी
गई जिसका उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिये।" उन्होंने यह भी कहा कि आध्यात्मिकता भारतीय
संस्कृति एवं भारतीय जीवन का अभिन्न अंग है तथा यह अनिवार्य एवं अत्यावश्यक है कि सरकार
और प्रशासनिक संस्थाएं तथा कानून एवं व्यवस्था धार्मिक स्वतंत्रता को समर्थन प्रदान करें।