2013-05-02 13:06:41

सच्ची शांति अर्थात् मानव जीवन की सुरक्षा


वाटिकन सिटी, वृहस्पतिवार 2 मई, 2013 (सेदोक, वीआर) अन्तरधार्मिक वार्ता के लिये बनी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल तौराँ ने बौद्ध धर्मावलंबियों को वेसाख महोत्सव के लिये शुभकामनायें देते हुए एक एक संदेश भेजा है।

समिति के अध्यक्ष कार्डिनल जाँ लुईस तौराँ ने ‘ईसाई और बौद्धः मानव जीवन से प्रेम, रक्षा, और विस्तार की ओर’ विषय पर अपना संदेश देते हुए कहा कि वेसाख का त्योहार ईसाई और बौद्ध समुदायों को यह अवसर प्रदान करता है कि वे अपनी आपसी संबंध को मजबूत करें और मानव जीवन की रक्षा और सम्मान के लिये कार्य करना जारी रखें।

उन्होंने कहा कि संत पापा ने अपने कार्यकाल के आरंभ में इस बात पर बल दिया किया कि विभिन्न धर्मावलंबियों को एक साथ मिलकर कार्य करने की ज़रूरत है। काथलिक कलीसिया इस दायित्व को अच्छी तरह समझती है कि पूरी सृष्टि से प्रेम करने और उसकी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी उस पर है।

उन्होंने यह भी कहा कि ग़रीबों, ज़रूरतमंदों और पीड़ितों के हित के लिये एक साथ मिल कर बहुत कुछ कर सकते हैं, हम न्याय, मेल-मिलाप और शांति की स्थापना के लिये भी अपना योगदान दे सकते हैं।

संत पापा फ्राँसिस ने इस बात को भी स्पष्ट कर दिया था कि सच्ची शांति के प्रचारक वे ही हैं जो गर्भाधान से आरंभ होनेवाले और प्राकृतिक रूप से अंत होने वाले जीवन का सम्मान करते हैं।

अपने संदेश में कार्डिनल तौराँ ने कहा कि बौद्ध धर्मावलंबी इस बात पर विश्वास करते हैं कि छोटे-से-छोटे जीव का भी नाश नही किया जाना चाहिये जिसका अर्थ है जीवन का सम्मान और सभी जीवों पर दया दिखाना। ईसाई भी इसी बात पर बल देते हुए कहते हैं कि ईश्वर को प्यार करो और दूसरों को वैसा ही प्यार करो जैसा तुम अपने आप से करते हो।

कार्डिनल तौराँ ने बौद्धों से अपील की है कि वे जीवन की पवित्रता के प्रति सम्मान करना जारी रखें तथा भ्रातृत्व भाव और नये उत्साह से मानव परिवार के दुःखों को दूर करने के लिये सहयोग करना जारी रखें।









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