2013-04-29 16:32:39

"स्वर्ग की रानी" प्रार्थना से पूर्व संत पापा फ्राँसिस के संदेश


वाटिकन सिटी, सोमवार, 29 अप्रैल 2013 (वीआर सेदोक): रोम स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में, रविवार 28 अप्रैल को, पवित्र ख्रीस्तयाग के उपरांत "स्वर्ग की रानी" प्रार्थना से पूर्व, तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के समुदाय को सम्बोधित कर संत पापा फ्राँसिस ने कहा:
अति प्रिय भाइयो एवं बहनों, सुप्रभात !
इस समारोह के समापन के पूर्व सभी दृढ़ीकरण प्राप्त एवं सभी विश्वासियों को माता मरिया के हाथों सुपूर्त करता हूँ। माता मरिया हमें सिखाती है पवित्र आत्मा से संचालित जीवन तथा ईश्वर की नवीनता को जीवन में स्वीकार करने का अर्थ। उन्होंने पवित्र आत्मा की शक्ति से येसु को अपने गर्भ में धारण किया। उसी प्रकार सभी ख्रीस्तीय और हममें से प्रत्येक को ईश वचन के रुप में येसु को स्वीकार कर दूसरों को देना है।
संत पापा ने कहा "माता मरिया ने उपरी कक्ष में प्रेरितों पर पवित्र आत्मा का आह्वान किया था। हम जब कभी प्रार्थना के लिए एकत्र होते हैं येसु की माता मरिया की आध्यात्मिक उपस्थिति के द्वारा पवित्र आत्मा के वरदान को ग्रहण करने और पुनर्जीवित ख्रीस्त की साक्षी देने के लिए हम बल प्राप्त करते हैं।
संत पापा ने दृढ़ीकरण प्राप्त सभी विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, "मैं इस बात पर बल देना चाहता हूँ कि आप सबों ने दृढ़ीकरण ग्रहण कर लिया है और प्रार्थना करता हूँ कि माता मरिया आपको ईश्वर की आवाज सुनने तथा हमेशा पवित्र आत्मा से संचालित जीवन जीने में मदद करे।
संत पापा ने देश- विदेश से आये विभिन्न तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों को सम्बोधित कर कहा, मैं उपस्थित सभी विश्वासियों का अभिवादन करता हूँ विशेष रुप से चैरिटी धर्म बहनों, और बीजीनानो के काथोलिक अकाडेमिक वेरबींडंग कपीतोलिना के सदस्यों और जिन्होंने दृढ़ीकरण की तैयारी में अपनी सेवाएँ दीं हैं।
तदुपरांत संत पापा ने बंगलादेश में फैक्टरी दुर्घटना के शिकार लोगों के लिए प्रार्थना किया तथा उनके दुखित परिवारों, प्रियजनों को अपनी आध्यात्मिक सामीप्य प्रदान की। उन्होंने कहा "मैं उनके जीवन की सुरक्षा और श्रम की मर्यादा की अपील करता हूँ।"
अभी हम पास्का के प्रकाश में हैं और पवित्र आत्मा के फलों को प्राप्त कर रहे हैं। हम प्रभु की माता मरियम की चरणों में आयें।
इतना कहने के बाद संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ "स्वर्ग की रानी" प्रार्थना का पाठ किया।








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