वाटिकन सिटी, सोमवार 29 अप्रैल, 2013 (सीएनए) संत पापा फ्राँसिस ने 28 अप्रैल रविवार
को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में आयोजित एक यूखरिस्तीय बलिदान में 44 युवाओं
को दृढ़ीकरण संस्कार प्रदान किया और कहा कि वे बाधाओं के बावजूद अपने विश्वास में दृढ़
बने रहें।
उन्होंने कहा," विश्वास की यात्रा में ईश्वर में आस्था रखते हुए मजबूत
बने रहना ही ख्रीस्तीय यात्रा का रहस्य है। यदि हम दाखलता की डालियों की तरह ईश्वर से
एक हो जाते हैं तो विपत्तियाँ, परीक्षायें या नासमझियाँ हमें डरा नहीं सकतीं हैं। बस
ज़रूरत है येसु के साथ मित्रता के सूत्र में बँधने की और येसु को अपने में प्रथम स्थान
देने की।"
मालूम हो कि विश्वास वर्ष के अवसर में रोम में करीब 70 हज़ार युवा
जमा थे और उन्होंने दो दिनों तक विश्वास पर चिन्तन किया और रविवार को संत पेत्रुस महागिरजाघर
के प्राँगण में आयोजित यूखरिस्तीय समारोह में संत पापा फ्राँसिस ने विभिन्न देशों के
44 युवा प्रतिनिधियों को दृढ़ी करण संस्कार प्रदान किया।
रोम में अपने दो दिवसीय
‘विश्वास तीर्थयात्रा’ के दौरान विश्व के तमाम युवाओं ने संत पेत्रुस और धन्य संत पापा
जोन पौल द्वितीय की कब्र के भी दर्शन किये।
अपने प्रवचन में संत पापा फ्राँसि
ने कहा, "युवाओ तुम धारा के विपरीत जाओ जो कि ह्रदय के लिये अच्छा है पर याद रखो आप में
धारा के विरुद्ध तैरने का साहस हो। येसु आपका साहस प्रदान करेंगे।" उन्होंने कहा,
"पवित्र आत्मा सब कुछ को नया कर देता है, हमें बदल देता है और चाहता है कि हमारी सहायता
से उस दुनिया को बदल डाले जहाँ हम निवास करते हैं।"
संत पापा ने कहा, "कितना अच्छा
होगा यदि शाम को आप यह कह सकें कि आज मैंने स्कूल में, घर में कार्यस्थल में अपने मित्रो,
माता-पिताओं और एक वृद्ध व्यक्ति को ईश्वरीय प्रेम का साक्ष्य दिया।"
संत पापा
ने कहा, "जब ईश्वर सब कुछ नया कर देते हैं तो दुनियावी नयापन से वे अलग होता है। दुनियावी
नयापन तो अस्थायी होता, पर ईश्वरीय नयापन आज, कल और सदा बना रहता है।"
उन्होंने
कहा, "यदि हम चाहते हैं कि स्वर्ग राज्य के अधिकारी बनें तो हमें कई चुनौतियों का सामना
करना पड़ेगा ही। आप हिम्मत न हारें क्योंकि आपके पास पवित्र आत्मा की शक्ति है जो आपको
विजयी बनायेगा।"