2013-04-26 12:31:42

सुप्रीम कोर्ट जीवन रक्षा के अधिकार की रक्षा करे


मेक्सिको, शुक्रवार 26 अप्रैल, 2013 (सीएनए) मेक्सिको के धर्माध्यक्षों ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वह जीवन रक्षा के अपने मूलभूत दायित्व को निभाये क्योंकि राष्ट्र का वर्तमान और भविषय इसी बर निर्भर करता है।

धर्माध्यक्षों ने कहा कि जीवन का मौलिक अधिकार उस व्यक्ति के नैतिक स्वभाव पर निर्भर नहीं करता है जो इसकी रक्षा करता है, न यह पूर्णतः धार्मिक कारणों पर निर्भर करता पर यह एक सच्चे धर्मनिर्पेक्ष राज्य का दायित्व है कि वह किसी भी नागरिक के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करता है।

मेक्सिको के धर्माध्यक्षों ने सर्वोच्च न्यायालय से अपील की है कि वह गर्भपात समर्थकों के दबाव में न आये और उन 18 राज्यों के नियमों को न बदले जो गर्भाधान से जीवन रक्षा के लिये समर्पित हैं।

धर्माध्यक्षों ने सुप्रीम कोर्ट को याद दिलाया कि सन् 2002 के कानून में सुधार होने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने सर्वसम्मति से इस बात को स्वीकार किया था कि मेक्सिका का संविधान मानव जीवन की रक्षा करता है और जैवकाल के विकास के किसी भी चरण को गर्भाधान के फल रूप में उसकी रक्षा करता है।

धर्माध्यक्षों ने कहा कि यदि प्रगति का अर्थ है सकारात्मक रूप से आगे बढ़ना तब हम सब मेक्सिको निवासियों को मान्यता, विकास और लोगों के सब अधिकारों की रक्षा करते हुए आगे बढ़ना चाहिये। ऐसा करने से ही प्रजातंत्रीय राष्ट्र शांतिमय तरीके आगे बढ़ना चाहिये और गर्भाधान से ही मानव जीवन का सम्मान और रक्षा करनी चाहिये।












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