मुम्बई, सोमवार 15 अप्रैल, 2013 (कैथन्यूज़) संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन प्रशासनिक व्यवस्था
में सुधार लाने के लिये जिस आठ सदस्यीय उच्चायोग का गठन किया है उनमें मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष
कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेसियस को भी शामिल किया गया है।
विश्व के आठ कार्डिनलों द्वारा
बनाये गये इस आयोग का कार्य होगा संत पापा को राय-मशविरा देना ताकि वे सार्वभौमिक काथलिक
कलीसिया का संचालन उचित तरीके से कर सकें वाटिकन प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार ला सकें।
68वर्षीय
कार्डिनल ऑस्वाल्ड ग्रेसियस ने वाटिकन विशेष आयोग में खुद को शामिल होने की ख़बर की पुष्टि
करते हुए कहा कि वाटिकन सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट कार्डिनल तारचिसियो बेरतोने ने रविवार 14
अप्रैल को दूरभाष द्वारा संपर्क किया और उनकी नियुक्ति की सूचना दी। वाटिकन सेक्रेटरी
ऑफ स्टेट ने इस बातचीत के द्वारा कार्डिनल ग्रेसियस की स्वीकृति भी प्राप्त कीय़
सीबीसीआई
के अध्यक्ष कार्डिनल ग्रेसियस ने कहा कि वाटिकन सलाहकार समिति में उनकी नियुक्ति विश्वव्यापी
काथलिक कलीसिया के प्रशासन में भारतीय कलीसिया के योगदान की महत्ता को दिखलाता है।
कार्डिनल
ग्रेसियस ने कहा कि काथलिक कलीसिया का भारत को नज़रअंदाज़ नहीं करना भारतीय कलीसिया के
लिये खुशी की ख़बर है।
विदित हो कि कार्डिनल ग्रेसियस भी उस 115 सदस्यीय कॉनक्लेव
के सदस्य थे जिसने नये संत पापा फ्राँसिस का चयन किया ।
मुम्बई में जन्में कार्डिनल
ऑस्वाल्ड ग्रेसियस की आरंभिक पढ़ाई-लिखाई मुम्बई के ही संत माइकेल स्कूल, महिम और संत
जेवियर्स में पूरी हुई। सन् 1976 से सन् 1982 तक रोम के परमधर्मपीठीय विश्वविद्यालय उरबानियाना
से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। सलाह के लिये बने इस वाटिकन आयोग की प्रथम सभा
अक्तूबर 1-3 तक चलेगी। इस सभा में भारत के अलावा, अमेरिका, चिली, आस्ट्रेलिया, कोन्गो
और होन्दुरास के कार्डिनलों को शामिल किया गया है।