काठमांडू, शनिवार, 13 अप्रैल, 2013 (एशियान्यूज़) नेपाल चेपांग एसोसिएशन (एनसीए) के
नेता गोविन्दा बहादूर ने कहा कि ईसाइयों ने उनके जीवन में आशा की एक नयी किरण जगायी
है।
चेपाँग आदिवासी नेता ने कहा कि जब 2011 में काथलिक मिशनरियों ने इनके गाँव
में नवोदय स्कूल खोला है बच्चे के लिये स्कूल जाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इसके
पूर्व बच्चे स्कूल नहीं जा सकते थे और उनका जीवन अंधकारमंय था। स्कूल खुलते ही गाँव के
लोगों में अभूतपूर्ण परिवर्तन आया है।
गोविन्दा बहादूर ने उक्त बातें एशियान्यूज़
को बतलाते हुए कहा कि स्कूल खोलने और बच्चों को शिक्षित करने के मार्ग में आगे बढ़ाने
में स्थानीय संस्थाओं के साथ इटली की संस्था सेंटर फॉर डेवलॉपमेंट कॉपरेशन इटली ने बहुत
मदद की है।
सीसीसी, इटली ने न केवल बच्चों की शिक्षा-दीक्षा का भार उठाया है
पर ग्रामीण कृषकों के लिये रोजगार और कुटीर उद्योग के अवसर भी उपलब्ध कराये हैं। नेपाली
आदिवासी ने गोविन्दा बहादूर ने स्पष्ट किया कि आगामी चुनाव में आदिवासी समुदाय काथलिक
उम्मीदवार को ही जितायेगी।
उन्होंने बतलाया की बड़ी राजनीतिक पार्टियाँ वोट पाने
के लिये अपने प्रतिनिधि गाँवों में भेजते हैं, जीतने के लिये चुनावी प्रतिज्ञायें की
जातीं है पर ये बातें चुनाव तक ही सीमित रह जातीं हैं।
मालूम हो कि चेपाँग आदिवासी
समुदाय नेपाल की उन 59 आदिवासी समुदायों में से एक है जो मध्य नेपाल के चितवन जिलों में
निवास करते हैं। इनकी संख्या करीब 52 हज़ार है और जो हिन्दु या बौद्ध धर्मावलंबी है।
इनकी जीविका का साधन है वन और इससे उत्पादित वस्तुयें। स्कूल के अभाव में समुदाय के अधिकतर
लोग करीब 70 प्रतिशत लोग अशिक्षित हैं।