वाशिंगटनः मानव प्रतिष्ठा के सम्मान से आती है शांति, कार्डिनल
वाशिंगटन, 12 अप्रैल सन् 2013 (सीएनए): वाशिंगटन में एक सम्मेलन को सम्बोधित कर, 11 अप्रैल
को, न्याय एवं शांति सम्बन्धी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष, कार्डिनल पीटर टर्कसन ने
कहा कि मानव प्रतिष्ठा का सम्मान शांति का स्रोत है। "पाचेम इन तेर्रिस" अर्थात धरती
पर शांति नामक सन्त पापा जॉन 23 वें के विश्व पत्र की 50 वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में,
अमरीका के काथलिक विश्वविद्यालय में आयोजित सम्मेलन में कार्डिनल टर्कसन ने कहा कि मानव
प्रतिष्ठा का सम्मान कर ही शांति प्राप्त की जा सकती है। कार्डिनल महोदय ने कहा,
"हम प्रायः शांति के बारे में सुनते हैं किन्तु बहुत बार हम यह नहीं समझ पाते कि यथार्थ
शांति है क्या।" उन्होंने कहा, "केवल युद्ध अथवा संघर्ष की अनुपस्थिति शांति नहीं
है क्योंकि शांति तो ईश्वर का वरदान है।" उन्होंने कहा ईश्वर स्वयं शांति हैं और उनकी
सृष्टि हममें शांति की आकाँक्षा को मज़बूत करती है। ईश्वर की सृष्टि को एक वरदान निरूपित
कर उन्होंने कहा कि जब मनुष्य, प्रत्येक मानव प्राणी सहित ईश्वर की सृष्टि का आलिंगन
करता है तब ही यथार्थ शांति उत्पन्न होती है। प्रत्येक व्यक्ति की प्रतिष्ठा, उसकी गरिमा
एवं मर्यादा का सम्मान कर ही शांति को प्राप्त किया जा सकता है।