2013-04-12 12:25:54

वाटिकन सिटीः लोस्सरवात्तोरे रोमानो के कार्यकर्त्ता सन्त पापा फ्राँसिस के ख्रीस्तयाग में हुए शरीक


वाटिकन सिटी, 12 अप्रैल सन् 2013 (सेदोक): वाटिकन स्थित सान्ता मर्था प्रेरितिक निवास में गुरुवार को वाटिकन के समाचार पत्र लोस्सरवात्तोरे रोमाने के पत्रकारों एवं कर्मचारियों ने सन्त पापा फ्राँसिस द्वारा अर्पित ख्रीस्तयाग में भाग लिया।
13 मार्च को अपनी परमाध्यक्षीय नियुक्ति के बाद भी सन्त पापा फ्राँसिस वाटिकन के सान्ता मर्था प्रेरितिक निवास में ठहरे हैं जहाँ वे कॉनक्लेव के समय भी ठहरे थे।
ख्रीस्तयाग के दौरान प्रवचन करते हुए सन्त पापा ने पत्रकारों एवं कर्मचारियों से कहा कि सम्प्रेषण माध्यम के क्षेत्र में काम करनेवाले सभी लोगों के लिये यह अनिवार्य है कि वे ईश्वर की वाणी को सुनें तथा ईश इच्छा के प्रति विनम्र बनकर अपनी ज़िम्मेदारियाँ पूरी करें।
सन्त पापा ने कहा, "ईश्वर के प्रति आज्ञाकारी रहना तथा उनके आदेशों का पालन करना ही ईश्वर को सुनना है।" उन्होंने कहा, "आवश्यकता इस बात की है कि ईश वचन को सुनने के लिये हम अपने मन के द्वार खोलें तथा ईश्वर द्वारा दिखाये मार्ग पर चलें। केवल ऐसा कर ही हम यथार्थ स्वतंत्रता का अनुभव पा सकेंगे।"
ईश्वर की आवाज़ को पहचानने में आनेवाली कठिनाइयों के प्रति भी सन्त पापा ने ध्यान आकर्षित कराया और कहा, "अपने जीवन में हम उन बातों को सुनते हैं जो येसु से नहीं आती। हमारी कमज़ोरियाँ कभी कभी हमें ग़लत रास्ते पर ले जाती हैं।" तथापि, उन्होंने कहा, "ईश्वर हमारा परित्याग कभी नहीं करते, वे हमारी कमज़ोरियों एवं हमारे पापों के बावजूद हमें अकेला नहीं छोड़ते।"
सन्त पापा ने कहा कि येसु की वाणी सुनने हेतु पवित्रआत्मा हमें समर्थ बनाता तथा सच्चाई के मार्ग पर अग्रसर होने की कृपा प्रदान करता है।








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