जकार्ताः प्रदर्शनकारियों ने की असहिष्णुता समाप्त किये जाने की मांग
जकार्ता, 10 अप्रैल सन् 2013 (ऊका समाचार): इण्डोनेशिया में कई गिरजाघरों एवं मस्जिदों
के बन्द कर दिये जाने के उपरान्त, सोमवार को विभिन्न धर्मों के नेताओं सहित सैकड़ों लोग
सड़कों पर उतर आये। शांतिपूर्ण प्रदर्शन द्वारा उन्होंने धर्मपालन के अधिकार पर लगाये
जा रहे प्रतिबन्धों के खिलाफ विरोध प्रकट किया। प्रशासन द्वारा विगत दिनों में बन्द
किये गये तथा ध्वस्त किये गये आराधना स्थलों के विरोध में जकार्ता के धार्मिक नेताओं
ने उक्त प्रदर्शन का आयोजन किया था। धार्मिक नेताओं के मंच के अध्यक्ष श्रद्धेय एरविन
मारबन ने सरकार से आग्रह किया कि वह विरोध प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित कर धार्मिक स्वतंत्रता
के अधिकार की सुरक्षा का आश्वासन दे। हाल में बन्द किये गये अथवा नष्ट किये गये आराधना
स्थलों के सन्दर्भ में उन्होंने कहा, "यह सब सरकार की इच्छा के कारण हुआ जिसे असहिष्णु
दलों का समर्थन प्राप्त है।" पश्चिमी जावा के बेकासी ज़िले में, 04 अप्रैल को अधिकारियों
ने अहमदिया मुसलमानों के एक मस्जिद को बन्द कर दिया इसलिये कि अहमदिया इस्लाम सम्प्रदाय
को रूढ़ीवादी मुसलमान अपधर्मी मानते हैं। 21 मार्च को इसी ज़िले में प्रॉटेस्टेण्ट
ख्रीस्तीय सम्प्रदाय के एक प्रार्थनालय को बन्द कर दिया गया था। अधिकारियों ने दलील दी
थी कि बिना परमिट के प्रार्थनालय का निर्माण हुआ था। इण्डोनेशियाई काथलिक धर्माध्यक्षीय
सम्मेलन के अधिकारी फादर ग्वीदो सुप्राप्तो ने ऊका समाचार से कहा सरकार का दायित्व है
कि वह धार्मिक स्वतंत्रता पर संविधान में निहित सिद्धान्तों का सम्मान करे।