वाटिकन सिटी 06 अप्रैल सन् 2013 एसकिलसो के विलियम का जन्म, फ्राँस की राजधानी, पेरिस
के एक कुलीन परिवार में, सन् 1125 ई. को हुआ था। सेन्ट जेरमेन में आपकी शिक्षा दीक्षा
हुई। याजकीय अभिषेक के बाद आपको सेन्ट जेनेवीव के गिरजाघर का कार्यभार सौंप दिया गया
था। सतत् प्रार्थना, ध्यान, मनन चिन्तन, त्याग तपस्या आदि में विलियम का मन लगा रहता
था जो उनके साथी पुरोहितों की ईर्ष्या का कारण था। यम-नियम, संयम और अनुशासन के भी विलियम
बहुत कठोर पालक थे।
1170 ई. तक विलियम सेन्ट जेरमेन में ही रहे जिसके बाद उन्हें
डेनमार्क में सुसमाचार प्रेरिताई के लिये प्रेषित कर दिया गया। डेनमार्क में विलियम ने
धर्मसमाजियों के लिये मठवासी जीवन की प्रस्तावना की तथा कई मठ समुदायों का सुधार किया।
तीन दशक तक वे डेनमार्क में धर्मसमाजियों का आध्यात्मिक मार्गदर्शन करते रहे। इसी दौरान,
उन्होंने ज़ीलैण्ड में सन्त थॉमस को समर्पित धर्मसमाजी मठ की स्थापना की थी। पास्का रविवार
के दिन, छः अप्रैल सन् 1203 ई. को, डेनमार्क में ही एसकिलसो के विलियम का निधन हो गया
था। सन्त पापा ओनोरियुस तृतीय द्वारा सन् 1224 ई. में एसकिलसो के विलियम को सन्त घोषित
किया गया था। उनका पर्व छः अप्रैल को मनाया जाता है।
चिन्तनः अनुशासन,
त्याग-तपस्या तथा सतत् प्रार्थना द्वारा हम अपने आध्यात्मिक जीवन को पोषित करें।