वाटिकन सिटी, 3 अप्रैल, 2013 (सेदोक, वी.आर.) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत
पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्रित हज़ारों
तीर्थयात्रियों तथा भक्तों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया।
उन्होंने इतालवी
भाषा में कहा, ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, विश्वास वर्ष में हम आज ‘विश्वास’
विषय पर धर्मशिक्षामाला को जारी रखें। आज हम ख्रीस्तीय विश्वास की घोषणा के ‘धर्मग्रंथ
के अनुसार वे तीसरे दिन जी उठे’ वाक्यांश पर चिन्तन करें।
येसु का पुनरुत्थान
ख्रीस्तीय विश्वास का केद्रबिन्दु है। यह ईश्वर की प्रतिज्ञा पर हमारे विश्वास का आधार
है और पाप और मृत्यु पर हमारी विजय की आस्था है।
येसु के जी उठने का साक्ष्य सर्वप्रथम
महिलाओं ने दी। प्रेम से प्रेरित होकर वे कब्र पर गयीं और पुनरुत्थान की ख़बर को सहर्ष
ग्रहण किया और इस समाचार को प्रेरितों को बतलाया। यही कार्य हमें भी सौंपा गया है। हमें
चाहिये कि हम येसु के पुनरुत्थान की खुशी को दूसरों को बतलायें। काथलिक कलीसिया के इतिहास
में विश्वास के द्वार को खोलने में महिलाओं की भूमिका अति विशेष रही है क्योंकि विश्वास
का अर्थ है - प्रेमपूर्ण प्रत्युत्तर।
विश्वास की आँखों से हम भी जीवित येसु
के दर्शन कर सकते हैं जो विभिन्न रूपों में हमारे बीच में उपस्थित हैं; धर्मग्रंथ में,
पवित्र यूखरिस्त संस्कार में और अन्य संस्कारों, तथा प्रेम, भलाई, मेल-मिलाप और उदारता
में। ये गुण हममें येसु के पुनरुत्थान की किरण बिखेरते हैं।
प्रभु के पुनरुत्थान
में हमारा विश्वास हमें यह सामर्थ्य प्रदान करे कि हम बुराई, पाप और मृत्यु पर जीत की
आशा और पूर्ण जीवन की प्राप्ति के जीवन्त साक्षी बन सकें।
इतना
कह कर संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की।
उन्होंने कहा पोन्तिफिकल आइरिश
कॉलेज़ के नवअभिषिक्त डीकनों तथा उनके परिवार के सदस्यों और अमेरिकी सीनेट के प्रतिनिधिमंडल
का अभिवादन किया।
इसके बाद उन्होंने गायक दल के धन्यवाद देते हुए इंगलैंड, आयरलैंड,
ऑस्ट्रेलिया, स्वीडेन डेनमार्क, स्कॉटलैंड वेल्स, फिलिपीन्स, कनाडा, अमेरिका और देश-विदेश
के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों पर जीवित प्रभु के प्रेम,
और शांति की कामना करते हुए उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।