रोमः पैर धोना येसु के दुलार का चिन्ह, सेवा का प्रतीक, सन्त पापा फ्राँसिस
रोम, 29 मार्च सन् 2013 (सेदोक): रोम के "काज़ाल देल मारमो" युवा कारावास में, गुरुवार
28 मार्च को, सन्त पापा फ्राँसिस ने पुण्य गुरुवार के उपलक्ष्य में, ख्रीस्तयाग अर्पित
किया तथा युवा क़ैदियों के पैर धोकर उन्हें अन्यों की सेवा को तत्पर रहने का सन्देश दिया।
ख्रीस्तयाग प्रवचन में सन्त पापा फ्राँसिस ने युवा क़ैदियों से कहा, "आपके पैर धोना
एक प्रतीक है, एक चिन्ह है कि मैं आपकी सेवा हेतु तत्पर हूँ। किन्तु इसका यह भी अर्थ
है कि हमें एक दूसरे की मदद करनी चाहिये।" सन्त पापा ने कहा, "मेरी यह सेवा हृदय
से प्रस्फुटित होती है क्योंकि एक पुरोहित और धर्माध्यक्ष होने के नाते मुझे आपकी सेवा
हेतु सदैव तत्पर रहना चाहिये।" उन्होंने कहा, "मैं सहृदय यह सेवा करता हूँ इसलिये कि
यही मुझे प्रभु येसु ख्रीस्त ने सिखाया है।" सन्त पापा ने कहा, "यह येसु के दुलार
का चिन्ह है क्योंकि येसु इसीलिये आये, सेवा करने और सहायता करने।" सभी क़ैदियों से
सन्त पापा ने आग्रह किया कि वे प्रभु येसु का अनुसरण कर अन्यों की सेवा करें, उनकी सहायता
हेतु सदैव तत्पर रहें तथा परस्पर प्रेम करें जैसा प्रभु येसु ने हमसे प्रेम किया है।