वाटिकन सिटीः अभिषिक्त व्यक्ति निर्धनों के लिये होता है, सन्त पापा फ्राँसिस
वाटिकन सिटी, 28 मार्च सन् 2013 (सेदोक): वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर में,
पुण्य बृहस्पतिवार प्रातः सन्त पापा फाँसिस ने तेलों पर आशीष की धर्मविधि सम्पन्न कर
करिशमाई याग अर्पित किया। ख्रीस्तयाग प्रवचन में सन्त पापा ने पवित्र तेलों से विलेपन
एवं अभिषेक का अर्थ समझाते हुए कहा, "बाईबिल पाठ अभिषिक्त व्यक्तियों की चर्चा करते हैं
जो हैं इसायाह का पीड़ित सेवक, राजा दाऊद तथा येसु हमारे प्रभु। इन तीनों व्यक्तियों
में सामान्य बात यह कि जो अभिषेक उन्होंने ग्रहण किया उसे उन्हें विश्वासियों तक पहुँचाना
है, जिनके वे सेवक हैं। उन्होंने कहा कि अभिषिक्त व्यक्ति निर्धनों, क़ैदियों और प्रताड़ितों
की सेवा के लिये अभिषिक्त किये जाते हैं और उन्हें वही करना चाहिये।" उन्होंने
कहा, "अन्यों की सेवा के लिये उपस्थित रहने की सुन्दर छवि हम स्तोत्र ग्रन्थ के 133 वें
भजन में पाते हैं: "यह सिर पर सुगन्धित तेल-जैसा है, जो दाढ़ी पर, हारून की दाढ़ी पर उतरता
है। जो उसके कुरते की गरदनी तक उतरता है। यह हेरमोन पर्वत की ओस जैसा है, जो सियोन के
पर्वतों पर उतरती है। प्रभु वहाँ अपना आशीर्वाद प्रदान करता है - सदा-सर्वदा बना रहने
वाला जीवन।" सन्त पापा ने कहा कि हारून की दाढ़ी से उनके कुरते पर उतरता तेल पुरोहिताभिषेक
की छवि प्रस्तुत करता जो अभिषिक्त, ख्रीस्त द्वारा, धरती के अन्तिम छोर तक पहुँचता है।
सन्त पापा ने कहा कि वह बहुमूल्य तेल जिससे हारून के सिर का विलेपन किया गया वह केवल
उसके सिर को सुगन्धित ही नहीं करता अपितु उसके कुरते पर नीचे तक उतरता है। उन्होंने
कहा, "प्रभु यह स्पष्ट कहते हैं: उनका अभिषेक निर्धनों के लिये है, क़ैदियों के लिये,
रोगियों के लिये है, उनके लिये है जो शोक मनाते हैं, जो अकेलेपन का दुख झेल रहे हैं।
विलेपन का तेल हमें सुगन्धित बनाने के लिये ही नहीं है, यह बोतल में बन्द करके रखने के
लिये भी नहीं है क्योंकि ऐसा करने पर वह बासी हो जायेगा... तथा हृदय कड़ुवा।" पुरोहितों
को सन्त पापा ने परामर्श दिया कि वे सुख और आनन्द के तेल से लोगों का विलेपन करें। उनके
दैनिक जीवन की वास्तविकताओं, उनकी कठिनाइयों, उनकी आशाओं और आकाँक्षाओं के लिये प्रार्थना
करें तब ही उनके पुरोहिताभिषेक का अर्थ साकार हो सकेगा।