प्रेरक मोतीः बेरगामो के सन्त वेनतूरिनी (1304-1346)
वाटिकन सिटी 28 मार्च सन् 2013 इटली स्थित बेरगामो के वेनतूरीनी का जन्म सन् 1304
ई. में हुआ था। दोमिनिकन धर्मसमाजी वेनतूरिनी एक महान प्रचारक तथा धर्मोत्साही मिशनरी
थे। सन् 1319 ई. में उन्होंने दोमिनिकन धर्मसमाज में प्रवेश किया और इसके तुरन्त बाद
सम्पूर्ण उत्तरी इटली में एक महान प्रचारक रूप में विख्यात हो गये थे। वेनतूरिनी
में विशाल जनसमुदाय को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता थी जिससे प्रोत्साहन पाकर उन्होंने
सन् 1335 ई. में घोषणा की कि वे एक विशाल तीर्थयात्रियों के दल को साथ लेकर रोम की तीर्थयात्रा
करना चाहते थे। इस आशंका से कि धर्मसमाजी पुरोहित वेनतूरीनी ख़ुद को काथलिक कलीसिया के
परमाध्यक्ष न घोषित कर दें, तत्कालीन सन्त पापा बेनेडिक्ट 12 वें ने तीर्थयात्रा की अनुमति
नहीं दी। सन् 1335 ई. में लन्दन में आयोजित दोमिनिकन धर्मसमाज की आमसभा में सन्त पापा
के आदेश को स्वीकार किया गया तथा वेनतूरिनी को तीर्थयात्रा करने के लिये मना कर दिया
गया। किन्तु जब तक रोम तथा लन्दन में पारित आदेशों की ख़बर वेनतूरिनी तक पहुँच पाती वे
तीर्थयात्रा पर निकल चुके थे। रोम के बाद उन्होंने आविन्योन की तीर्थयात्रा की जहाँ उन्हें
गिरफ्तार कर लिया गया। सन् 1343 ई. तक वे क़ैद में रहे। सन् 1346 ई. में वेनतूरिनी का
निधन हो गया था। उनका पर्व 28 मार्च को मनाया जाता है।
चिन्तनः पवित्रआत्मा
से सतत् प्रार्थना कर हम भी सुसमाचार के सुवक्ता बने तथा विश्व में न्याय, शान्ति तथा
मैत्री के सन्देशवाहक बनें।