लेबानोन युवा संगठन के युवाओं ने क्रूस रास्ता पर चिंतन कर अप्रवास और हिंसा पर गहन शोक
व्यक्त किया
वाटिकन सिटी, बुधवार, 27 मार्च 2013(सीएनएस): ससम्मान सेवानिवृत संत पापा बेनेडिक्ट 16वें
के निवेदन पर लेबानोन यूथ दल के युवाओं ने क्रूस रास्ता के 14 स्थानों पर चिंतन लिखा।
उन्होंने इस चिंतन में ख्रीस्त के दुखभोग एवं लोगों की नित्य बढ़ती दुखद स्थित जैसे;
अप्रवास, मध्यपूर्व देशों में हिंसा, ख्रीस्तीयों के बीच विभाजन, महिलाओं और बच्चों के
दुरुपयोग और गर्भपात के प्रचार आदि पर चिंतन कर गहन शोक व्यक्त किया। 29 मार्च को
रोम स्थित कोलोसेयूम में होने वाले क्रूस रास्ता प्रार्थना पर चिंतन प्रस्तुत करते हुए
उन्होंने कहा, "कठिनाईयों, हिंसा और निराशा के बावजूद ख्रीस्तीय धर्मानुयायी येसु ख्रीस्त
के साथ चलने के लिए बुलाये जाते हैं क्योंकि विश्वास के रास्ते पर दुःख से हमारी मुक्ति
सिद्ध होती है।"
युवाओं ने लिखा कि ख्रीस्तीय दुःख सहते हुए भी आशा जारी रख
सकते हैं क्योंकि ख्रीस्त उनके साथ हैं। फिर भी दुखों को स्वीकार कर लेना ही काफी नहीं
है। बंधन से मुक्ति और सच्चाई के लिए संघर्ष करना ज़रुरी है। लेबानोन युवा संगठन
के एक युवा ने कहा, "ईश्वर दुःख नहीं चाहते और न ही बुराई को स्वीकार करते हैं", वास्तव
में लोग क्रूस को आनन्द और आशा के साथ उठा सकते हैं क्योंकि ख्रीस्तीय जानते हैं कि ख्रीस्त
ने हमारे दुखों पर विजय पायी है। ज्ञात हो कि परम्परा के अनुसार प्रत्येक वर्ष अलग
अलग देश के लोगों को क्रूस रास्ता की प्रार्थना लिखने के लिए नियुक्त किया जाता है जिसे
पुण्य शुक्रवार के समारोह में पढ़ा जाता है।