वाटिकन सिटी, 19 मार्च सन् 2013 (सेदोक): सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के नवनियुक्त सन्त
पापा फाँसिस ने "मिज़ेरान्दो आतक्वे एलीजेन्दो" अर्थात् विनीत किन्तु चुना हुआ, अपने
परमाध्यक्षीय काल का आदर्श वाक्य चुना है। यह वही आदर्श वाक्य है जिसे सन्त पापा
फ्राँसिस ने धर्माध्यक्ष रहते हुए चुना था। यह वाक्य सन्त मत्ती रचित सुसमाचार पर श्रद्धेय
बीड के प्रवचन से लिया गया है, जिसमें श्रद्धेय बीड कहते हैं, "येसु ने कर वसूल करने
वाले को देखा और उसपर दया की, उन्होंने उसे यह कहते हुए चुन लियाः "मेरा अनुसरण करो।"
श्रद्धेय बीड का प्रवचन ईश्वर की करूणा पर केन्द्रित है जिसने सन्त पापा फ्राँसिस
के जीवन को आरम्भ ही से प्रभावित किया है। नीली पृष्ठभूमि पर आदर्श वाक्य अंकित
है जिसमें किरीट एवं परमाध्यक्षीय चाभियाँ दर्शाई गई है। इसके अलावा बीच में प्रज्वलित
सूर्य से निकलते येसु के मुक्तिदायी मिशन सम्बन्धी तीन शब्द हैं जो येसु धर्मसमाज का
प्रतीक है। नीचे दाहिनी ओर अंकित तारा मरियम का प्रतीक है तथा बाँयी ओर जटामांसी के फूल
हैं जो सन्त योसफ का प्रतीक हैं।