2013-03-17 11:58:08

बर्लिनः सन्त पापा ने अपहृत पुरोहित की मदद करने का प्रण किया था


वाटिकन सिटी, 17 मार्च सन् 2013 (एपी): जर्मनी के एक समाचार पत्र ने दशकों पुराने एक पत्र को खोज निकाला है जिससे यह प्रमाणित होता है कि आर्जेनटीना के ततकालीन येसुधर्मसमाजी प्रान्ताध्यक्ष जॉर्ज बेरगोलियो यानि नवनियुक्त सन्त पापा फ्राँसिस ने, आर्जेनटीना की सेना द्वारा, अपहृत पुरोहित फादर जालिक्स को रिहा कराने हेतु संघर्ष करते रहने का प्रण किया था।
सन् 1976 ई. से सन् 1983 तक आर्जेनटीना में सैन्य तानाशाही शासन था जिसके दौरान विरोधियों पर दमनचक्र चलाया गया था। इसी दौरान सेना ने येसुधर्मसमाज के पुरोहितों को भी उत्पीड़ित किया था। दो पुरोहितों का अपहरण भी कर लिया गया था।
इस सप्ताह काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष पद पर नियुक्त किये गये सन्त पापा फ्राँसिस के विषय में आर्जेनटीना तथा उसके परे समाचार पत्रों में इन दिनों आरोप लगाया गया था कि आर्जेनटीना में सत्तर के दशक की तानाशाही के समय पूर्व जॉर्ज मारियो बेरगोलियो उन दलों का सामना करने में विफल रहे थे जिन्होंने लोगों का अपहरण एवं हत्याएँ की थी।
जर्मनी के फ्रैंफुरटर आलगेमाईने सॉनटाग्स साईटुँग समाचार पत्र ने कहा कि जॉर्ज मारियो बेरगोलियो ने सन् 1976 ई. में पुरोहित फ्राँसिसको जालिक्स के परिवार को पत्र लिखकर ख़बर की थी कि वे दोनों पुरोहितों के बीच बने मतभेदों के बावजूद पुरोहित जालिक्स की रिहाई का भरसक प्रयास कर रहे थे।
अपहरण से बच निकले पुरोहित फादर जालिक्स ने शुक्रवार को एक वकतव्य में कहा कि जॉर्ज फ्रांसिस तथा उनके बीच पुनर्मिलन बहुत पहले हो चुका है तथा उन्हें नवनियुक्त सन्त पापा फ्रांशिस से कोई शिकायत नहीं है।
इस बीच, शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में वाटिकन के प्रवक्ता फादर लोमबारदी ने भी कहा था कि आर्जेनटीना की अदालतों ने बेरगोलियो पर कभी भी किसी भी अपराध का आरोप नहीं लगाया है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा कि बेरगोलियो ने स्वतः पर लगाये सभी आरोपों से इनकार किया है और साथ ही ऐसी अनेक घोषणाएं हैं जो इस बात का प्रमाण हैं कि सत्तर के तानाशाही युग में बेरगोलियो ने कई लोगों की सुरक्षा का प्रयास किया था। उन्होंने कहा कि इन आरोपों का दृढ़तापूर्वक खण्डन किया जाना चाहिये।








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